-टैक्स बकाएदारों से वसूली में नगर निगम ने पीछे खींचे हाथ

-सितंबर तक छूट की सीमा में अभियान चलाने की तैयारी नहीं

- पिछले साल के बड़े बकाएदारों पर भी नहीं की वसूली कार्रवाई

BAREILLY: शहर के विकास के लिए जरूरी टैक्स जुटाने में जनता के बाद अब नगर निगम के अधिकारी भी गैर जिम्मेदारी निभाने लगे हैं। निगम का टैक्स विभाग जनता से टैक्स वसूलने के बजाए स्लीपिंग मोड में चला गया है। साल 2016-17 के लिए 25 अप्रैल से टैक्स वसूली शुरू करने का दावा करने वाला निगम ढाई महीने बाद भी अभियान चलाने में नकारा साबित हुआ है। निगम का टैक्स विभाग सितंबर तक जनता को मिली 5 फीसदी छूट की सीमा पूरी होने तक वसूली अभियान शुरू करने के मूड में नहीं है। 30 सितंबर को छूट की सीमा खत्म होने के बाद अक्टूबर से ही टैक्स वसूली अभियान की संभावना बनेगी। इस दौरान निगम की ओर से बकाएदारों पर टैक्स वसूली का जो डर बनाया गय था, वो फिलहाल ठंडे बस्ते में गया।

10 फीसदी से भी टैक्स नहीं

शहर में नगर निगम से रजिस्टर्ड 1.42 लाख करदाता हैं। जिनमें रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल दोनों करदाता शामिल हैं। निगम की ओर से करदाताओं को 15 मई तक एकमुश्त टैक्स जमा करने पर 15 फीसदी की छूट दी गई। वहीं 16 मई से 30 जून तक टैक्स में 10 फीसदी की छूट दी गई। लेकिन इस छूट के बावजूद टैक्स जमा करने में 90 फीसदी से ज्यादा करदाताओं ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। 1 अप्रैल से 30 जून तक मिली छूट पर 9800 करदाताओं ने ही 8.30 करोड़ का टैक्स जमा किया। वहीं 1 से 12 जुलाई तक यह आंकड़ा बढ़कर 10,210 करदाताओं से 8.42 करोड़ टैक्स वसूली पर पहुंचा। जो कुल करदाताओं के महज 10 फीसदी यानि 14,200 से भी 4 हजार कम है।

पिछले साल के 1 लाख बकाएदार

निगम की ओर से साल 2016-17 में करीब 1.32 लाख करदाताओं से टैक्स वसूलना बाकी है। वहीं पिछले साल 2015-16 में भी 1.15 लाख करदाताओं से बकाया टैक्स नहीं वसूला जा सका है। पिछली बार 2015-16 में शहर में टैक्स जमा करने वाले करदाताओं की तादाद करीब 27 हजार ही रही। इनमें रेजिडेंशिसल या छोटे करदाताओं की तादाद 23 हजार के आस पास आंकी गई। रिकॉ‌र्ड्स के मुताबिक बकाएदारों में एक लाख से ज्यादा छोटे करदाता हैं। जिन्होंने टैक्स वसूली अभियान देरी से शुरू होने पर बकाया टैक्स समय पर जमा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। निगम इससे सबक न लेते हुए इस बार भी वसूली अभियान में देरी कर रहा।

बिलिंग में ही उलझा विभाग

टैक्स वसूली अभियान में देरी कर रहा निगम करदाताओं को बिल बांटने में भी लेटलतीफ बना हुआ है। शहर के चारों जोन में 1.42 लाख करदाताओं में से करीब 52 हजार को ही बिल बांटे जा सके हैं। बीते सत्र में महज 25 हजार करदाताओं से ही निगम को 35 करोड़ से ज्यादा का टैक्स मिला था। रेंट वसूली, रोड कटिंग चार्जेस और बिजली विभाग का टैक्स मिलाकर यह आंकड़ा 55 करोड़ से ज्यादा पहुंच गया। नगर निगम का टारगेट इस बार टैक्स वसूली से ही एक अरब रुपए वसूलने का है। लेकिन बिलिंग से लेकर टैक्स वसूली में पिछड़े नगर निगम का यह टारगेट पूरा होता नहीं दिख रहा।