थैलीसिमिया डे पर आईएमए ब्लड बैंक में थैलीसिमिक बच्चों से मिल भावुक हुई ज्वाइंट कमिश्नर

BAREILLY:

थैलीसिमिया से पीडि़त जिंदगी की जंग से जूझ रहे बचपन को बचाने की कोशिशें संडे को परवान चढ़ी। आईएमए की ओर से संडे सुबह ब्लड बैंक में इंटरनेशनल थैलीसिमिया डे मनाया गया। चीफ गेस्ट के तौर पर पहुंची इनकम टैक्स ज्वाइंट कमिश्नर व डीएम गौरव दयाल की वाइफ वृंदा देसाई का थैलीसिमिक बच्चों ने गुलाब के फूल देकर वेलकम किया। लेकिन मुस्कुराती हुई कार्यक्रम में पहली बार शामिल होने पहुंची ज्वाइंट कमिश्नर की आंखे कुछ देर बाद ही छलक उठी। बच्चों के मुस्कुराते चेहरों के पीछे की तकलीफ और जिंदगी से जूझती उनकी हिम्मत को जान ज्वाइंट कमिश्नर रो पड़ी। इस मौके पर आईएमए ब्लड बैंक डाइरेक्टर डॉ। अंजू उप्पल और थैलीसिमिया सोसाइटी की प्रेसीडेंट डॉ। जे सरदाना भी मौजूद रही।

हर महीने एक लाख की मदद

आईएमए ब्लड बैंक बरेली में 126 थैलीसिमिया के मरीज रजिस्टर्ड हैं। जिनको आईएमए की ओर से मुफ्त ब्लड दिया जाता है। इनमें बच्चों की तादाद सबसे ज्यादा है। हर महीने इनके इलाज पर करीब 5 हजार का खर्च आता है। लेकिन ज्यादातर बच्चों के गरीब घर से होने पर इलाज के लिए महंगी दवाओं की खरीद नहीं हो पाती। सरकार की ओर से कोई मदद न मिलने से समस्या गंभीर हो गई है। ज्वाइंट कमिश्नर ने डीएम से मदद लेने का भरोसा दिलाया। वहीं शहर के एनजीओ व उद्यमियों से हर महीने करीब एक लाख का फंड दिलाकर थैलीसिमिक बच्चों के इलाज की बात कही।

केक काटा और बनाई पेंटिंग

थैलीसिमिया एक ऐसी जेनेटिक बीमारी है जिसमें मरीज के खून में मौजूद रेड ब्लड सेल्स टूटने लगती हैं। जिससे खून बन नहीं पाता और शरीर में ब्लड की कमी हो जाती है। ऐसे में मरीजों को रेगुलर डायलिसिस कराने की जरूरत होती है। संडे को हुए कार्यक्रम में थैलीसिमिक बच्चों ने केक काटा और पोस्टर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। विनर्स बच्चों को चीफ गेस्ट ज्वाइंट कमिश्नर ने ईनाम दिया। वहीं लोगों के लिए 300 रुपए में थैलीसिमिया जांच की सुविधा दी गई।