-छात्रा को थप्पड़ मारने के आरोपी ने जेल से छूटने पर बीसीबी के छात्रों पर लगाए गंभीर आरोप

-खुद को मानसिक बीमारी से पीडि़त बताया और कॉलेज प्रशासन व पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप

<-छात्रा को थप्पड़ मारने के आरोपी ने जेल से छूटने पर बीसीबी के छात्रों पर लगाए गंभीर आरोप

-खुद को मानसिक बीमारी से पीडि़त बताया और कॉलेज प्रशासन व पुलिस पर भी लगाए गंभीर आरोप

BAREILLY: BAREILLY: बरेली कॉलेज में जातिवाद को लेकर हुए थप्पड़कांड में वेडनसडे को नया मोड़ आ गया है। आरोपी छात्र अमित ने जेल से छूटने के बाद पीडि़त छात्रा, एबीवीपी के पदाधिकारियों, कॉलेज प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अमित जमानत के बाद पेरेंट्स के साथ ही पीलीभीत चला गया। उसने आईजीआरएस के जरिए आईजी बरेली को दो अलग-अलग शिकायतें की हैं। एक शिकायत में 9 अप्रैल के घटनाक्रम और दूसरी शिकायत में पिछले दिनों उसके उत्पीड़न और रैगिंग के आरोप लगाए हैं। उसने खुद को मानसिक बीमारी से ग्रसित भी लगाया है। वहीं कॉलेज प्रशासन ने उसके सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

प्रशासन के सामने हुअा भेदभाव

पहली शिकायत में अमित ने कहा है कि वह बाई पोलर डिसऑर्डर नाम के मानसिक विकार से पिछले ख्भ् वर्ष से पीडि़त है। 9 अप्रैल को लॉ डिपार्टमेंट में पूजा मिश्रा व अन्य छात्रों ने आरक्षण विवाद को लेकर बहस करना शुरू कर दिया। पूजा मिश्रा ने अपने साथियों के साथ मिलकर जाति विशेष पर अभद्र टिप्पणी की। इसी बात का विरोध करने पर पूजा ने मेरा मोबाइल तोड़ दिया। क्लास में नोटबुक फेंक दी। इसी बीच बचाव में छात्रा पूजा को हाथ लग गया। इसी दौरान छात्रा ने शोर मचा दिया। जिसके बाद विभाग के शिक्षक जमा हो गए। छात्रा व इनके साथियों और विभाग के शिक्षकों ने जमकर पीटा। पूजा ने कुछ बाहरी लोगों को बुलाकर मुझे पीटा। संविधान निर्माता के बारे में कई अभद्र टिप्पणी भी की। यहां भी उसके साथ भेदभाव किया गया। उसे खड़ा रखा गया और छात्रा को कुर्सी पर बैठाया गया। यहां पर उसकी चप्पलों से पिटाई की गई। जिसके बाद पुलिस को बुलाया गया और उसके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई की गई। थाने में उसके साथ पुलिसकर्मियों ने बद्तमीजी की और मजिस्ट्रेट के सामने पेशी पर ले जाते वक्त उसे चांटा भी जड़ा।

रैगिंग का गंभ्ाीर आरोप

इस घटना के बाद छात्र का कहना है कि वह अवसाद में है। जिस कारण बार बार क्लास के स्टूडेंट परेशान व कमेट करते है। अमित ने इस पूरे मामले में कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया है कि शिक्षकों व चीफ प्राक्टर ने बिना पक्ष सुने पुलिस के हवाले कर दिया। कॉलेज प्रशासन ने सिर्फ छात्रा का पक्ष सुना। वहीं छात्र ने दूसरी शिकायत में कहा है कि वह विशेष जाति से है कि इस देश का संविधान निर्माता ने ठीक तरह से संविधान नहीं बनाया। संविधान गलत है। वह संविधान निर्माता का विरोध नहीं करता। कॉलेज के छात्र कई बार उसकी रैगिंग भी कर चुके हैं।

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चीफ प्राक्टर डॉ। वंदना शर्मा से पूछे गए कुछ सवाल

प्रश्न- छात्र ने कैंपस में कई बार अपने साथ रैगिंग होने की शिकायत की है।

उत्तर - छात्र ने कभी भी रैगिंग के बारे में सूचना नहीं दी। न ही कभी विभाग में रैगिंग की कोई शिकायत दर्ज कराई। यदि छात्र ने एक बार भी शिकायत दर्ज कराई होती तो स्टूडेंट पर कार्रवाई जरूर होती।

प्रश्न- छात्र मानसिक रूप से बीमार है इस बारे में छात्र या अभिभावक ने दाखिले के समय कॉलेज प्रशासन को बताया था।

एडमिशन के दौरान छात्र ने और अभिभावक ने कॉलेज प्रशासन को कोई ऐसी बात नहीं बताई कि छात्र को मानसिक बीमारी है। यदि जानकारी दी होती तो कॉलेज प्रशासन छात्र का विशेष रूप से ध्यान रखता। कॉलेज में ऐसे स्टूडेंट के लिए कॉलेज में हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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