पुलिस, प्रशासन और पीएसी की मौजूदगी में बीडीए अधिकारियों ने गिराया निर्माण का अवैध हिस्सा

BAREILLY:

सिविल लाइंस में राधेश्याम इंक्लेव के पास 30 करोड़ की लागत से बन रहे हवाई सपना को ट्यूजडे बीडीए ने पंक्चर कर दिया। दीक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के राधेश्याम हाइट्स नाम से अपार्टमेंट बना रहा था। अंडरकंस्ट्रक्शन अपार्टमेंट्स में काफी हिस्सा बीडीए से नक्शे में अप्रूव्ड न था। ट्यूजडे को बीडीए के अधिकारी पुलिस, प्रशासन व पीएसी लेकर

सुबह 10.30 बजे साइट पर पहुंच गए। कार्रवाई से पहले बीडीए के अधिकारियों ने नक्शे से मिलान कर अवैध हिस्से का मिलान कर रेड मा‌र्क्स लगाए। फिर ड्रिल मशीन व बाद में जेसीबी की मदद से ढहा दिया।

अभियान में दिखाई ताकत

अपार्टमेंट्स में नक्शे से इतर अवैध निर्माण को गिराने में बीडीए ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। सुबह से ही बीडीए प्रभारी वीसी गरिमा यादव व डिप्टी सेक्रेटरी अजय कुमार कार्रवाई के लिए बिजी रहे। एसीएम सेकंड कुंवर पंकज की निगरानी और पुलिस व पीएसी की मौजूदगी में बीडीए ने अवैध निर्माण को गिराने में अपनी पूरी ताकत लगा दी। निर्माण गिराने को दो ड्रिल मशीन, 1 जेसीबी और पूरी कार्रवाई का रिकॉर्ड रखने को वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई गई। इस दौरान बीडीए के 3 एई एके सिंह, ओपी सिंह व आरके चौधरी के अलावा जेई राजीव मिश्रा और जितेंद्र कुमार भी शामिल रहे। पूरी कार्रवाई के दौरान बीडीए प्रभारी वीसी लगातार फोन पर अपडेट्स लेती रही। वहंी लखनऊ से भी कार्रवाई की जानकारी मांगी जाती रही।

सियासी दबाव भी शामिल

लंबे समय से विवादित रहे इस अवैध निर्माण को गिराने में पॉलिटिकल प्रेशर भी काफी रहा। सोर्सेज के मुताबिक सपा सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे एक बड़े नेता ने अवैध निर्माण को गिराए जाने में बड़ी भूमिका निभाई। वहीं अवैध निर्माण के खिलाफ लोकल रेजीडेंट्स ने भी बीडीए से कंप्लेन की थी। बीडीए ने अवैध हिस्से पर कई बार नोटिस भी जारी की और इसे सील किया। जिस पर कंपनी की डाइरेक्टर मोनिका अग्रवाल व उनके हसबैंड रविन्द्र अग्रवाल ने हाईकोर्ट में मामले को चुनौती दी। एक बीडीए अधिकारी के मुताबिक रिट में कंपनी के ओनर ने नक्शे के मुताबिक निर्माण कराने की अपील की थी। कोर्ट के आदेश के बाद बीडीए ने अपने नक्शे से मिलान किया। जिसमें काफी हिस्सा अवैध मिला। जिसे गिरा दिया गया।

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चोरी की बिजली से चले सीसीटीवी

बिल्डिंग के अवैध हिस्से को गिराते समय लोगों की काफी भीड़ जुटने लगी। जिस पर पीएसी व पुलिस ने लाठियां फटकार उन्हें हटाया। इस दौरान बिल्डिंग में कुछ जगह सीसीटीवी कैमरे लगे दिखे। वहीं अंदर के हिस्से में मॉनीटर भी लगा दिखा। वहीं रहने वालों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कटिया कनेक्शन से सीसीटीवी कैमरे चल रहे थे। करीब एक महीना पहले बिजली विभाग का स्टाफ पहुंचा और अवैध कनेक्शन काट दिया। जिसके बाद सीसीटीवी कैमरे ऑफ मोड में चले गए।

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नक्शे में अनअप्रूव्ड हिस्से को गिराया गया है। शहर में जितने भी अवैध निर्माण सील किए गए हैं उन पर भी कार्रवाई होगी। -- गरिमा यादव, प्रभारी वीसी