-माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 131 प्रस्तावित सेंटर्स की लिस्ट की तैयार

>BAREILLY: माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बोर्ड एग्जाम के लिए 131 प्रस्तावित सेंटर्स की लिस्ट तैयार कर ली है। दिक्कत यह है कि इसमें कई ऐसे स्कूल्स को भी सेंटर्स बना दिया गया है। जो माध्यमिक शिक्षा परिषद के मानक पर खरे नहीं उतरते हैं। आई नेक्स्ट ने विभाग की तरफ से बनाए गए कई सेंटर्स का रियलिटी चेक किया तो हकीकत सामने आई।

131 हैं प्रस्तावित सेंटर्स

शासन ने विभाग को निर्देशित किया है कि उन्हीं स्कूल्स को सेंटर बनाएं जो मानक पर खरे उतर रहे हैं। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 131 प्रस्तावित सेंटर्स की लिस्ट तैयार की है। जिसपर 12 नवंबर के बाद जिला समिति की मुहर लगेगी। जब आई नेक्स्ट ने पांच सेंटर्स का रियलिटी चेक किया तो किसी में अग्निशमनयंत्र नहीं मिले। न ही स्टूडेंट्स के बैठने के लिए पर्याप्त सीट थी। बरेली इंटर कॉलेज में स्टूडेंट्स को खुले में बैठकर पढ़ाया जा रहा था। इसके अलावा कॉलेज परिसर से अग्निशमन यंत्र नदारद मिले। जीआईसी का भी ऐसा ही हाल था।

बैठने की व्यवस्था नहीं

गाइडलाइन में हर सेंटर पर कम से कम 300 और अधिक से अधिक 1200 परीक्षार्थी आवंटित किए जाने के निर्देश हैं। इसके बाबजूद अधिकारियों ने नवाबगंज के चार कमरे के राजकीय उमा विद्यालय हरहरपुर को सेंटर बना दिया है, जहां पर 100 स्टूडेंट्स के बैठने के लिए ही फर्नीचर है। राजकीय उमा विद्यालय बिजामऊ में बाउंड्रीवॉल नहीं है। वहीं कॉलेज में 80 स्टूडेंट्स के बैठने के लिए फ नर्1ीचर है।

यह हैं मानक

-सेंटर्स मुख्य या संपर्क मार्ग से जुड़ा होना चाहिए।

-सेंटर्स पर अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था होनी चाहिए।

-कम से कम दो लोहे की अलमारियां होनी चाहिए।

-कॉलेज में चाहरदीवारी और मुख्य प्रवेश पर गेट हो।

-300 या उससे अधिक 1200 स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था।

कॉलेज में अग्निशमन यंत्र लगवाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। लेकिन अभी तक बजट जारी नहीं हुआ है।

रामपाल सिंह, प्रिंसिपल, जीआईसी

आग की घटना से निपटने के लिए कॉलेज के पास कोई संसाधन नहीं है। अप्रिय घटना होने पर हमें सरकारी सिस्टम पर ही निर्भर रहना होगा।

डॉ। राजीव कुमार शर्मा, प्रिंसिपल बरेली इंटर कॉलेज