- पदभार संभालते ही सीडीओ शिवसहाय अवस्थी ने टॉयलेट के मेनटेनेंस और साफ सफाई का दिया था निर्देश

- महीने भर से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी टॉयलेट की हालत बदतर, नहीं हो सका बजट का आकलन

- शाम ढलने के साथ ही मयखाने में तब्दील हो रही विकास भवन की छत और गलियारे

BAREILLY: पिछले माह विकास भवन में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर का पदभार संभालते ही नवागत सीडीओ शिवसहाय अवस्थी ने विकास भवन के टॉयलेट को साफ कराने और समुचित व्यवस्था कराने को कहा था। इसके लिए उन्होंने क्भ् दिन का समय दिया था। लेकिन महीने भर से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी हालत जस की तस बना हुई है.क्भ् विभागों वाले विकास भवन में बने छह महिला और पुरुष टॉयलेट की सफाई के लिए सफाई कर्मचारी नहीं है। इनमें सुविधाओं के नाम पर केवल अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। हर दिन विभिन्न कार्यो के लिए करीब भ्0 से अधिक महिला फरियादी आती हैं। फरियादी महिलाओं के लिए सेपरेट टॉयलेट नहीं है।

बीत गया महीना नतीजा सिफर

विकास भवन में कुल छह महिला और छह पुरुष टॉयलेट बने हुए हैं। पदभार संभालते ही सीडीओ ने विभाग में फैली गंदगी और वॉशरूम को पूरी तरह ठीक कराने के कड़े निर्देश दिए थे। जिसमें क्भ् दिन के भीतर वॉशरूम के छिटपुट कार्यो और साफ सफाई कराना था। आई नेक्स्ट टीम की ओर से की गई पड़ताल में टॉयलेट की साफ सफाई को भी सीडीओ साहब सुचारू रूप से नहीं करा सके हैं। वहीं टॉयलेट के मेनटेनेंस के लिए तैयार की जा रही बजट प्रक्रिया भी महीने भर से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी नहीं बन सकी है।

बद से बदतर हो रही स्थिति

विकास भवन में दशकों पहले बने टॉयलेट बेहद खराब हालत में पहुंच चुके हैं। टॉयलेट के दरवाजे नीचे की ओर से टूट हैं। दरवाजों में सीलन लगी है। वॉशरूम में लगे करीब दर्जन भर नलों में से ज्यादातर नल भी टूटे हुए हैं। छह वॉशरूम में से दो में पानी भी अवलेबल नहीं हो पाता। फर्श भी टूट चुके हैं। वहीं, सीडीओ ऑफिस के बगल में बने टॉयलेट की फर्श तक धंस गई है।

मयखाने में तब्दील हो रहा विकास भवन

जिले के विकास के लिए तमाम योजनाओं का खाका तैयार करने समेत अनुशासन का पाठ सिखाने वाला विकास भवन शाम ढलने के साथ ही मयखाने में तब्दील हो जाता है। जिसका सबूत है विकास भवन के छत और गलियारों में रखे कूडे़दान में पड़ी शराब की बोतलें। विभाग के कर्मचारियों के मुताबिक शाम को विभाग के गार्ड व अन्य फोर्थ क्लास कर्मचारी ग्रुप बनाकर शराब मंगाते हैं।

एक अदद सफाई कर्मी का टोटा

विकास भवन में वॉशरूम की साफ सफाई करने के लिए एक भी सफाई कर्मचारी मौजूद नहीं है। कर्मचारियों के मुताबिक करीब पांच वर्ष पहले एक ही कर्मचारी के जिम्मे सभी छह टॉयलेट की साफ सफाई का भार था। जिसके रिटायरमेंट के बाद सफाई कर्मी की भर्ती नहीं की गई। डिपार्टमेंट के करीब क्भ् विभागों की ओर से अपनी ओर के टॉयलेट की सफाई के लिए प्राइवेट कर्मचारी रखे हुए है। ऐसे में प्राइवेट कर्मचारी भी कभी कभार ही सफाई करने के लिए आते हैं।

अभी सफाई का काम चल रहा है। टॉयलेट के मेनटेनेंस के लिए बजट बनाया जा रहा है। टॉयलेट संबंधी मेजर व‌र्क्स बजट के अनुसार कराए जाएंगे।

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