-कॉलेज खुलने की जानकारी होने पर पहले ही दिन बीसीबी में पहुंचे स्टेडेंट्स

-सात महीने बाद कॉलेज पहुंचे स्टूडेंट्स ने आपस में शेयर की खुशी

बरेली। कोरोना की पाबंदियों के चलते सात महीने से बंद चल रहे डिग्री कॉलेजेज में अब स्टूडेंट्स को एंट्री मिल गई। शासन की गाइड लाइन के अनुसार थर्सडे को डिग्री कॉलेजेज के बंद गेट स्टूडेंट्स के लिए खोल दिए गए। कॉलेज रिओपनिंग की जानकारी होने पर कई उत्साहित स्टूडेंट्स पहले ही दिन कॉलेज की स्थिति को जानने व समझने के लिए पहुंच गए। बरेली कॉलेज में भी पहले ही दिन कई स्टूडेंट्स घूमने और मौजमस्ती के मूड में पहुंचे। स्टूडेंट्स ने यहां अपने फ्रेंड्स से मिलकर अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। लंबे समय बाद कॉलेज आने और फ्रेंड्स से मिलने की खुशी स्टूडेंट्स के चेहरों पर भी साफ दिखाई दी।

जल्दी क्लास ज्वाइन करने की तमन्ना

बरेली कॉलेज में पहले दिन भले ही चंद स्टूडेंट्स ही पहुंचे हों, पर उनका उत्साह देखते ही बना। स्टूडेंट्स ने कॉलेज खुलने पर खुशी जाहिर की और इसका लंबे समय से इंतजार करने की बात भी कही। स्टूडेंट्स ने कहा कि सात महीने से घरों में ही रहने से उनका स्टडी का शेड्यूल डिस्टर्ब हो गया है, इसलिए उन्हें अब जल्दी से जल्दी क्लास शुरू होने का इंतजार है। क्लास शुरू होने पर ही उनकी स्टडी कंटिन्यू हो सकेगी।

कॉलेज तैयार करेगा ओपनिंग का शेड्यूल

बरेली कॉलेज में स्टूडेंट्स को तो एंट्री मिल गई, पर अभी उन्हें यहां स्टडी के लिए इंतजार करना पड़ेगा। स्टडी शुरू कराने के लिए कॉलेज प्रशासन को सबसे पहले अपना शेड्यूल फिक्स करना है। इसके लिए वर्किंग कमेटी में विचार विमर्श होगा और इसके बाद ही शासन की गाइड लाइन को फॉलो कराते हुए क्लासेस स्टार्ट करने की डेट का शेड्यूज जारी किया जाएगा। इसकी जानकारी स्टूडेंट्स के साथ शेयर की जाएगी। इस प्रक्रिया के बाद भी कॉलेज में नियमित क्लासेस शुरू हो पाएंगी।

बयां की कॉलेज आने की खुशी

कोरोना हमारी सुरक्षा के लिए चिंता का विषय जरूर है, पर हमारे लिए अपना भविष्य भी चिंता का विषय है। कोरोना की पाबंदियों के चलते आखिरकार कब तक हम अपनी स्टडी से समझौता करेंगे।

रुचि चौहान

सात महीने बाद कॉलेज आने की खुशी मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती। इस दिन का हम सभी को लंबे समय से इंतजार था। आज यह इंतजार पूरा हुआ है तो हम खुश हैं।

आयुषि

15 अक्टूबर से कॉलेज खुलने की जानकारी होने के बाद से ही मैं कॉलेज आने और यहां के माहौल की खुशी को महसूस करना चाहती थी। इसलिए पहले ही दिन अपने फ्रेंड्स के साथ कॉलेज पहुंची।

आशी

कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ही पेरेंट्स ने बच्चों के कहीं आने-जाने पर भी पाबंदी लगा दी थी। यह पाबंदी उन्हें कोरोना से बचाने के लिए ही लगाई गई। अब यह पाबंदी हटी है तो खुशी लाजमी है।

तिथि