कॉमर्शियल रेट कम करने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं

नगर आयुक्त के फैसले से सपा पार्षदों में नाराजगी,

BAREILLY:

शहर के कॉमर्शियल टैक्स करदाताओं को राहत दिए जाने के प्रस्ताव पर नगर निगम में एक बार फिर घमासान होने के आसार हैं। 30 मार्च को होने वाली बोर्ड की सामान्य बैठक के एजेंडे में कॉमर्शियल टैक्स में छूट दिए जाने का प्रस्ताव ही नहीं है। निगम प्रशासन की ओर से बैठक के एजेंडे में इस अहम प्रस्ताव को शामिल ही नहीं किया गया। जबकि 21 मार्च को हुई कार्यकारिणी की सामान्य बैठक में कॉमर्शियल टैक्स में 25 फीसद की छूट के प्रस्ताव को मंजूरी देकर बोर्ड की बैठक में रखने पर फैसला हुआ था। निगम प्रशासन के इस रवैया से सपा पार्षदों में नाराजगी है। पार्षद बैठक में इस मामले को लेकर विरोध जताने की तैयारी में है।

12 हजार पर संशय

कार्यकारिणी की बैठक में सपा पार्षद राजेश अग्रवाल ने डीएम सर्किल रेट की तर्ज पर मौजूदा कॉमर्शियल टैक्स में भी 25 फीसदी की कमी किए जाने का प्रस्ताव रखा था। रेट कम किए जाने के प्रस्ताव के पीछे कॉमर्शियल टैक्स करदाताओं को बकाया टैक्स जमा कराने को मोटिवेट करने की वजह बताई गई। साथ ही मौजूदा रेट को लेकर कॉमर्शियल करदाताओं में नाराजगी की भी वजह बताई गई। लेकिन बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को दूर रखे जाने से शहर के 12 हजार से ज्यादा कॉमर्शियल करदाताओं को राहत मिलने पर संशय बना हुआ है।

नगर आयुक्त का अड़ंगा

सपा पार्षदों ने बोर्ड बैठक एजेंडे में प्रस्ताव हटाए जाने के पीछे नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव को जिम्मेदार ठहराया है। नगर आयुक्त के फैसले के बाद ही एजेंडे में प्रस्ताव को जगह नहंी मिली। लेकिन दूसरी ओर नए फाइनेंशियल ईयर में करदाताओं को 10 व 5 फीसदी की टैक्स में छूट दिए जाने के प्रस्ताव को एजेंडे में शामिल कर लिया गया है। ऐसे में सपा पार्षद नेता राजेश अग्रवाल ने कॉमर्शियल टैक्स में छूट दिए जाने के प्रस्ताव को 91 बी के तहत शामिल कराया है। जिससे इस प्रस्ताव के बहाने सदन में नगर आयुक्त को घेरा जा सके।

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कॉमर्शियल टैक्स में छूट के प्रस्ताव को बोर्ड बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं किया जाना चिंताजनक है। जबकि यह प्रस्ताव कार्यकारिणी से पास होकर बोर्ड में मंजूरी के लिए आना था। यह हमारे अधिकारों का हनन है। इस मनमानी का विरोध होगा।

- राजेश अग्रवाल, सपा पार्षद नेता