-मलन्यूट्रिशन का शिकार है बच्चा, परिजनों ने इलाज में लगाया लापरवाही का आरोप

-हंगामे चलते वार्ड छोड़कर भागे डॉक्टर, इलाज के लिए भटकते रहे कई पेशेंट

बरेली : डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की न्यूट्रिशन रिहेब्लिटेशन सेंटर यानि एनआरसी में सैटरडे को जमकर हंगामा हुआ जिसके चलते डॉक्टर वार्ड छोड़कर भाग गए जिससे कई पेश्ेांट्स को दो घंटे तक इलाज के लि भटकते रहे। एनआरसी में एडमिट एक बच्चे के पेरेंट्स की डॉक्टर में तीखी नोकझोंक हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया, लेकिन बाद में परिजनों ने डॉक्टर को लिखित पत्र देकर इलाज से संतुष्ट बताया।

क्या है पूरा मामला

शहर के पुराना शहर निवासी मोहसिन खान ने 15 नवंबर को अपने नौ माह के बेटे हसन को एनआरसी में एडमिट कराया था। उसका वेट काफी कम है साथ ही उसको डायरिया भी है। बच्चे के परिजनों के मुताबिक एक हफ्ते तक इलाज चलने के बाद भी कोई फायदा नहीं हो रहा था। सैटरडे को परिजनों ने एनआरसी में तैनात डॉक्टर दिव्य अग्रवाल से इसी बात को लेकर नोकझोक करने लगे। वहीं उनके एक रिलेटिव ने खुद को एनजीओ संचालक बताकर मोबाइल फोन से डॉक्टर की वीडियो बनाकर वायरल तक करने की धमकी तक दे डाली। परिजनों का आरोप था कि जब बच्चे का इलाज नहीं कर पा रहे हैं तो उसे हायर सेंटर रेफर क्यों नहीं कर रहे हैं। जिसके बाद डॉक्टर ने बच्चे को रेफर कर दिया।

रिकवरी में लगता है टाइम

एनआरसी के पीडियाट्रिशियन डॉ। दिव्य अग्रवाल ने बताया कि बच्चा लो बर्थ वेट होने के साथ ही विंटर डायरिया से ग्रसित था। ऐसे बच्चे की रिकवरी होने में समय लगता है। परिजनों के साथ रिश्तेदार रेफर करने पर अड़े थे। हमने कुछ और समय मांगा था। इस बात पर वह हंगामे करने लगे।

भटकते रहे पेशेंट

सुबह हंगामा होने के बाद एनआरसी के डॉक्टर वार्ड छोड़कर लापता हो गए। इस कारण अन्य बच्चे भी भर्ती नही हो सके। दुनका निवासी लईक अहमद अपने छह माह के पोते मोहम्मद हुसैन को लेकर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इधर से उधर भटकते रहे। उनके पोते को एनआरसी में भर्ती किया जाना था लेकिन डॉक्टर ने उन्हें दो घंटे इंतजार कराने के बाद भी एडमिट नहीं किया।