लोकल बदमाश, बाहरी बदमाशों को डिमांड पर बुलाकर दे रहे वारदातों को अंजाम

बाहरी बदमाशों को मन माफिक लूट की रकम से दिया जाता है हिस्सा

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केस 1- प्रेमनगर में गांधी नगर क्रासिंग पर सरिया व्यापारी के ड्राइवर से 22 लाख की लूट को मेरठ के तीन प्रोफेशनल बदमाशों के साथ मिलकर अंजाम दिया गया। तीनों बदमाशों को ऑन डिमांड पर बुलाया गया था।

केस 2- सीबीगंज में बैंक कैशियर से तीन लाख की लूट में भी दो प्रोफेशनल बदमाशों को बुलाया गया था। लोकल बदमाशों ने इसके लिए अलीगढ़ के बदमाशों को हायर किया था।

BAREILLY:

ऊपर के दो केस इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बरेली में भाड़े के टट्टू आतंक फैलाए हुए हैं। दूसरे जिलों से आकर वह बरेली के लोगों को लूटकर चले जा रहे हैं। इसके बाद पुलिस सिर्फ लकीर पीटती रह जा रही है। बाहरी बदमाशों के होने के चलते पुलिस को उन्हें पकड़ने के लिए नाको चने चबाने पड़ जाते हैं। ये बदमाश बकायदा तौर पर कांटै्रक्ट पर बुलाए जाते हैं और लूट की रकम में उनका बराबर का हिस्सा होता है।

ेरठ से बुलाए गए बदमाश

गांधी नगर क्रासिंग पर हुई वारदात में 9 बदमाश शामिल थे। इनमें 6 बदमाश बरेली के ही थे लेकिन ये सभी अन प्रोफेशनल थे। इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए उन्हें प्रोफेशनल बदमाशों की जरूरत थी। इसलिए बरेली के बदमाशों ने मेरठ के बदमाशों से संपर्क किया। मेरठ से यासीन मास्टर, उसका भतीजा गुड्डू व अरशद को प्लान के तहत बरेली बुलाया गया। फिर वारदात को अंजाम देने के बाद उसी रात सभी का हिस्सा बांट दिया गया। बाहर से बदमाश आने पर उन्हें मन माफिक रकम भी दी गई। यही नहीं उन्हें स्पेशली प्राइवेट व्हीकल से मेरठ वापस भी भिजवाया गया।

अलीगढ़ से आए और लूट लिया

सीबीगंज में भी बैंक कैशियर चंद्रपाल से भी एक ही बाइक पर सवार 4 बदमाशों ने तीन लाख रुपए की लूट को अंजाम दिया था। इस लूट में दो प्रोफेशनल बदमाश अप्पू उर्फ हरिंद्र और रिंकू अलीगढ़ से बुलाए गए थे। दोनों बदमाशों ने ही कैशियर से लूट की थी जबकि लोकल बदमाश सूरज व लईक ने उनकी हेल्प की थी। यही नहीं लूट को अंजाम देने के चंद घंटे बाद दोनों बाइक से ही अलीगढ़ फरार हो गए। दोनों लूट की रकम भी साथ ले गए। करीब एक सप्ताह बाद इन दोनों बदमाशों को भी पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

इन केस में भी रहे शामिल

इन दो केस के अलावा कई अन्य केस में भी बाहर के बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया है। रामपुर गार्डन में करोड़ों की लूट के मामले में भी जब पुलिस ने खुलासा किया था तो बाहरी प्रोफेशनल बदमाश देवेंद्र जॉट ने अपने बरेली के बदमाशों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया यह बात सामने आई। पुलिस ने लोकल बदमाशों को तो गिरफ्तार कर लिया था लेकिन देवेंद्र को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। हालांकि देवेंद्र गाजियाबाद पुलिस की गिरफ्त में आ गया था। इसी तरह से सुरेश शर्मा नगर डबल मर्डर में भी छैमार गैंग के बदमाश ने आकर वारदात को अंजाम दिया और फरार हो गए थे। रोहली टोला डकैती में भी बदमाश बाहर से बुलाए गए थे। नकटिया के रिटायर्ड सीएमओ के घर डकैती में भी पुलिस को लोकल के साथ बाहरी गैंग पर शक है।

डिमांड पर आते हैं बदमाश

पुलिस की मानें तो बाहरी बदमाश डिमांड पर आते हैं। उन्हें बता दिया जाता है कि लूट मे कितनी रकम मिलेगी और उन्हें रकम का कितना हिस्सा दिया जाएगा। यही नहीं बाहरी बदमाशों के आने और जाने का भी पूरा प्लान होता है। उन्हें वापस भेजने की पूरी ि1जम्मेदारी होती है।

पकड़ना होता है मुश्किल

बाहरी बदमाशों को पकड़ना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। क्योंकि बाहरी बदमाशों पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं होती है। यही नहीं बाहरी बदमाश को पकड़ने के लिए उसे जिले की पुलिस की मदद लेनी पड़ती है। इसके लिए काफी कानूनी और कागजी कार्यवाही करनी पड़ती है। पुलिस की इसी कमजोरी का बदमाश फायदा उठाते हैं।