कुछ ऐसे होता है खेल

सिटी में वर्क कर रहीं कोरियर कंपनीज पैकेट्स व स्पीड पोस्ट भेजने में पोस्ट ऑफिस का सहारा लेती हैं। वे कस्टमर्स से अच्छे-खासे रुपए वसूलती हैं। इसके बाद कोरियर सर्विस मैन सभी पैकेट्स को इकठ्ठा कर पोस्ट ऑफिस में स्पीड पोस्ट व पार्सल को भेज देते हैं। सिटी में लगभग छोटी-बड़ी कोरियर कंपनियों की 40-50 कोरियर सर्विस चल रही हैं।

Company  के बारे में पता नहीं

पोस्टल डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स की मानें तो कोरियर कंपनीज उनके यहां से जो भी सामान स्पीड पोस्ट व पार्सल के जरिए भेजती हैं, वह पैकेट्स में होती हैं। इसके चलते किस कंपनी का कोरियर है यह पता नहीं चल पाता। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक कोरियर कंपनीज पैकेट्स के अंदर कंपनी का लोगो व मुहर लगाकर सामान भेजती हैं।

Charges में है काफी फर्क

कोरियर कंपनी और पोस्टल डिपार्टमेंट से सामन भेजने के रेट में काफी अंतर है। पोस्ट ऑफिस से ऑल ओवर इंडिया 500 ग्राम तक का कोई सामान भेजने पर टोटल 36 रुपए पार्सल का लगता है। वहीं दूसरी ओर इतने ही वेट वाले सामान को कोरियर कंपनी से भेजने पर 100 से लेकर 155 रुपए तक का खर्च आता है।

Insure parcel भी वजह

पोस्टल डिपार्टमेंट के जरिए सामान भेजने के पीछे इंश्योर पार्सल भी एक मेन वजह है। दरअसल पोस्टल डिपार्टमेंट की तरफ से इंश्योर पार्सल के तहत पार्सल की जितनी कॉस्ट होती है, उसका मुआवजा कस्टमर को दिया जाता है। सर्विस प्रोवाइड कराने के दौरान पार्सल गुम होता है या फिर डैमेज होता है तो कोरियर कंपनीज की जेब से कुछ नहीं जाता है।