-सीडब्ल्यूसी कोर्ट ने 28 अगस्त को चार बच्चों को दूसरे शेल्टर होम भेजने का दिया था आदेश

-शेल्टर होम इंचार्ज ने बच्चों और आदेश को रख लिया अपने पास नहीं भेजे अभी तक बच्चे

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BAREILLY:

कोर्ट का आदेश भी शेल्टर होम इंचार्ज के लिए कोई मायने नहीं रखता है। कोर्ट ने 28 अगस्त को शेल्टर होम में बचे चार बच्चों को दूसरे शेल्टर होम में भेजने के आदेश दिए थे, लेकिन आदेश बाद भी शेल्टर होम इंचार्ज बच्चों को अपने पास रखे हुए है। मामला सिटी मजिस्ट्रेट के संज्ञान में आने पर उन्होंने ट्यूजडे को शेल्टर होम इंचार्ज को रिकॉर्ड सहित तलब किया। उन्होंने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर शेल्टर होम इंचार्ज को कार्रवाई की चेतावनी दी है।

28 अगस्त को हुआ था आदेश

धांधली का शेल्टर होम मेघा सिटी के सामने सैनिक कॉलोनी में संचालित हो रहा है। धांधली की न्यूज पब्लिश होने के बाद प्रशासन ने मामले की जांच की तो हकीकत सामने आई। अनियमितताओं का भंडार मिलने पर महिला बाल आयोग ने रिपोर्ट तलब कर उसे बंद करने के आदेश दे दिए थे। जिसके बाद से सीडब्ल्यूसी ने बच्चों को वहां रखने पर रोक लगा दी। और शेल्टर होम में रह रहे बच्चों को उन्हें उनके मां-बाप या फिर दूसरे शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया था। शेल्टर होम बंद करने का आदेश 17 जुलाई के करीब डीपीओ के पास पहुंच चुका है। डीपीओ ने आदेश का पालन कराने के लिए शेल्टर होम को बंद करने के आदेश दिए थे लेकिन शेल्टर होम इंचार्ज ने शेल्टर होम बंद नहंी किया। मामला जब सीडब्ल्यूसी के पास पहुंचा तो कोर्ट ने बच्चों को 22 अगस्त को कोर्ट में पेश करने को कहा। कोर्ट में शेल्टर होम इंचार्ज ने अरबाज, शिवम, रोहित और रिषी को पेश किया तो कोर्ट ने उन्हें शाहजहांपुर स्थित शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया। लेकिन इसके बाद भी शेल्टर होम इंचार्ज ने चार बच्चों को शेल्टर होम में रख लिया। जानकारी होने पर सिटी मजिस्ट्रेट ने शेल्टर होम इंचार्ज कुलदीप गुप्ता को रिकॉर्ड सहित तलब कर लिया और बच्चों को दूसरे शेल्टर में न भेजने पर कार्रवाई का आदेश दिया है।

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शेल्टर होम में रह रहे चार बच्चों का आदेश कोर्ट ने 28 अगस्त को शाहजहांपुर शेल्टर होम में भेजने के लिए किया था। लेकिन अभी तक नहीं पहुंच सके। एक दो दिन तो आदेश के बाद बच्चे रोके जा सकते हैं।

कुलदीप गुप्ता, इंचार्ज खुले बाल आश्रय गृह

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सीडब्ल्यूसी में कोई बच्चा पेश कर आदेश बनवाने के बाद उसे तुरंत रिलीव कर दिया जाना चाहिए। कोई समस्या होने पर सीडब्ल्यूसी को सूचना देनी चाहिए। आदेश के बाद बच्चों को अपने पास रखना गलत है।

डीएन शर्मा, बाल कल्याण समिति प्रभारी