कस्टोडियल डेथ रोकने के चलते रहे प्रयास

सभी फील्ड के अधिकारियों से कराया जा रहा सर्वे

BAREILLY: कस्टडी में अभियुक्त की डेथ के बाद पुलिसकर्मियों की जान सांसत में आ जाती है। इसकी मानवाधिकार आयोग जांच करता है। पुलिस पर कई तरह के गंभीर आरोप लगते हैं। कस्टडी में अभियुक्त की डेथ पर रोक लगाने के लिए पुलिस अनुसंधान व विकास ब्यूरो के प्रोजेक्ट पर फील्ड के अधिकारियों से सर्वे कराने जा रहा है। अधिकारियों को भ् जून तक एडीजी ह्यूमन राइट कमीशन यूपी को सर्वे कर भेजनी है। एडीजी के लेटर मिलने के बाद आईजी ने सभी पुलिस अधिकारियों को सर्वे करने के निर्देश ि1दए हैं।

इन वजहों से आती है प्रॉब्लम

प्रोजेक्ट के अनुसार कस्टोडियल डेथ के पीछे कई कारण तलाश किए गए हैं। इसमें हवालात की ऊंचाई कम होना, हवा का वेंटीलेशन ठीक न होना, हवालात में बाहरी वस्तुओं का आना, हवालात में सूरज की रोशनी न आना, हवालात के बाहर से अंदर की स्थिति न भांप पाना, व अन्य हैं। इसके अलावा बंदी की हेल्थ सही न होना, उसका मेडिकल टाइम पर न होना, पूछताछ के दौरान थर्ड डिग्री का यूज करना और बंदी के आत्मघाती भावना होना भ्ाी हैं।

सेंट्रलाइज्ड हों इंट्रोगेशन सेंटर

इन सब पर रोक लगाने के लिए अलग से बड़ों शहरों में एक इंट्रोगेशन सेंटर होने की बात कही है। इस इंट्रोगेशन सेंटर में कैंटीन, मेडिकल रूम होना, विजिटर रूम और डिफेंस लायर रूम होना चाहिए। इसके अलावा इस रूम में सीसीटीवी कैमरे भी लगे होने चाहिए। इस सेंटर का एक डिप्टी एसपी लेवल का प्रभारी होना चाहिए।