-आई नेक्स्ट के स्टिंग में हुआ खुलासा

-कॉलेज संचालकों ने पैसे देकर सेंटर बनवाने की बात कबूली

-माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तैयार की प्रस्तावित 155 सेंटर्स की लिस्ट

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

यूपी बोर्ड के एग्जाम सेंटर बनाने में बड़ा खेल खेला जा रहा है। डीआईओएस विभाग के कर्मचारियों ने सेंटर बनाने के रेट फिक्स कर रखे हैं। आई नेक्स्ट को जब इसकी भनक लगी, तो उसने इसका स्टिंग किया, जिसमें कॉलेज संचालकों ने सेंटर बनवाने के एवज में पैसे देने की बात कबूली है। वहीं, चौंकाने वाले बात यह निकलकर सामने आई कि अधिकारियों की शह पर सेंटर बनाने का काम दूसरे पटल का बाबू देख रहा है। यह वही, बाबू है जिसे जीपीएफ के घोटाले में दोषी मिलने पर कमिश्नर ने कोई भी वित्तीय पटल नहीं देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए थे।

ऑफिस के पीछे चल रहा है खेल

माध्यमिक शिक्षा विभाग को शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि यूपी बोर्ड 2017 की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से कराई जाए। साथ ही परीक्षा की सुचिता बनी रहे इस पर विशेष ध्यान रखा जाए। लेकिन उलट इसके शासन की मंशा को उसके की नुमाइंदे ही पलीता लगा रहे हैं। उन्होंने डीआईओएस ऑफिस को ही सेंटर निर्धारण की सौदेबाजी का अड्डा बना रखा है। ऑफिस के पीछे सेंटर बनाने का सौदा तय किया जा रहा है। चढ़वा चढ़ने पर सेंटर्स बना दिए जा रहे हैं। आई नेक्स्ट ने थर्सडे को जब सेंटर निर्धारण का स्टिंग किया, तो कई संचालकों ने पैसा देकर सेंटर बनवाने की बात कबूली। शाही के इरा पब्लिक हाईस्कूल के मैनेजर अतहर हुसैन थर्सडे को डीआईओएस कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बाबू कलीम खां से अपने स्कूल को सेंटर बनवाने की सिफारिश की। इसके एवज में खर्चा-पानी देने की बात मैनेजर ने कही। बाबू और मैनेजर में 25 हजार में सौदा तय हुआ। बाबू ने पैसा मिलने के बाद मैनेजर को डेढ़ घंटे बाद आने की बात कहकर उसे दोबारा बुलाया। इसके बाद कल्याण राय इंटर कॉलेज मानपुर के शिक्षक ने दो साल सेंटर बनवाने के एवज में एक साल एक लाख और दूसरी साल 60 हजार रुपए दागी बाबू कलीम बाबू को देने की बात कही। इसके साथ ही शिक्षक ने कहा कि पैसा लेने के बाद भी कॉलेज को सेंटर नहीं बनाया।

55 लाख रुपए किए थे जमा

बाबू कलीम खां ने सितम्बर 2014 में अपनी बहन को लाभ पहुंचाने के लिए जीपीएफ का 19 लाख का चेक बनाकर दे दिया था। इसके साथ ही लाखों रुपए की हेरफेर की। मामला जब कमिश्नर प्रमांशु के संज्ञान में आया, तो उन्होंने तत्कालीन डीआईओएस गजेन्द्र कुमार को जांच के आदेश दिए थे। जांच में बाबू दोषी पाया गया। अधिकारियों ने बाबू से 55 लाख रुपए सरकारी खाते में जमा कराए। वहीं, कमिश्नर ने विभागीय अधिकारियों को आदेश दिया कि भविष्य में कोई भी वित्तीय पटल नहीं देने का आदेश दिया। वर्तमान डीआईओएस ने कलम का कमाल दिखाते हुए बोर्ड परीक्षा का पटल इदरीश अहमद को दे दिया। इसके अलावा टीईटी, टीजीटी-पीजीटी जैसे कई महत्वपूर्ण एग्जाम की जिम्मेदारी बाबू कलीम खां को सौंपी।

कद्दावर नेताओं का है हाथ

दागी बाबू पर सपा के कद्दावर नेता का हाथ रखा हुआ है। इसी का रौब दिखाकर वह अन्य कर्मचारियों को हड़काकर रखता है। इसी के बल पर वह अन्य बाबूओं के पटल में हस्तक्षेप करता है। विरोध करने पर बाबू लड़ने पर आमादा हो जाता है।

रेट लिस्ट

पुराने सेंटर को सेंटर बनाने के-50,000

नए कॉलेज को सेंटर बनाने के-एक लाख

सेंटर पर स्टूडेंट्स आवंटन का रेट-300 रुपए प्रति स्टूडेंट