-बदमाशों के हमले में घायल प्रशांत ने बताई अपनी दर्द भरी दास्तां

-प्रशांत की हिम्मत के सामने बदमाशों के हौसले हो गए थे पस्त

BAREILLY: मैं जिंदगी में पुलिस कंट्रोल रूम के डॉयल 100 पर फोन नहीं करूंगा। कंट्रोल रूम की वजह से मैं एक घंटे तक खून से लथपथ दर्द में तड़पता रहा। क्योंकि मैंने कई बार फोन मिलाया पर रिसीव नहीं हुआ। यहीं नहीं कार की सीट गंदा होने की वजह से पड़ोसियों ने भी हॉस्पिटल पहुंचाने में मदद नहीं की। मैं 20 मिनट तक बदमाशों से लड़ता रहा, जिसके चलते ही बदमाश भाग गए। जी हां हालत में सुधार आने के बाद वेडनसडे प्रशांत ने अपने साथ हुई दर्द भरी दास्तां बयां की। मामला इज्जतनगर की अर्सना रेजिडेंसी का है। जहां बदमाशों ने महिला टीचर मदन कुमारी व उनके बेटे प्रशांत पर लूट के लिए घर में घुसकर जानलेवा हमला किया था। प्रशांत से साफ कर दिया कि उनके साथ लूट की ही वारदात हुई थी और कोई मामला नहीं है। वह किसी को नहीं पहचानते हैं।

बदमाश करते रहे लगातार वार

प्रशांत ने बताया कि अचानक नकाबपोश बदमाशों ने 17 सितंबर ने देर रात घर में घुसकर हमला बोल दिया था। बदमाशों ने घुसते ही लाइट बंद कर दी थी और उन्हें व मां को अपने कब्जे में ले लिया था। बदमाशों ने उनके साथ मारपीट शुरू की तो मैंने खुद को बचाने के लिए बदमाश को घूंसा मारा, तो बदमाश दीवार से टकरा गया था। जिस पर दूसरे बदमाशों ने मुझ पर चाकू से हमला कर दिया था। इसी तरह से करीब 20 मिनट तक मैं बदमाशों से लड़ते रहा। लास्ट में एक बदमाश रह गया, तो मैंने दरवाजे की चटकनी बंद कर ली, तो बदमाश ने चाकू निकाल लिया। मैं तुरंत किचन से चाकू ले आया तो बदमाश डर के चटकनी खोलकर भाग गया। बदमाश मारपीट व शोर मचाने के डर से ही भाग गए थे।