-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के रियलिटी चेक में मिली कई कमियां

- कहीं भरा मिला पानी तो टॉयलेट मिले चोक

बरेली: सरकारी हॉस्पिटल में हेल्थ सुविधाएं बेहतर हो इसके लिए यूपी सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है। इतना ही नहीं इसकी निगरानी के लिए अलग से हॉस्पिटल में मैनेजर के साथ क्वालिटी मैनेजर भी तैनात किए गए हैं, जो मोटी सैलरी ले रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी हॉस्पिटल आने वाले पेशेंट्स और उनके तीमारदारों की सुविधाओं का अभाव है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के इमरजेंसी में आने वाले पेशेंट्स को मूलभूत सुविधाओं पर भी 'लॉक' लगा दिया है। हालांकि इससे इमरजेंसी में पेशेंट्स को प्रॉब्लम तो हो रही है लेकिन शायद यह हॉस्पिटल के जिम्मेदारों को नहीं दिखाई दे रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की सुविधाओं को लेकर रियलिटी चेक किया तो हकीकत चौकाने वाली सामने आई। हॉस्पिटल की इमरजेंसी में डॉगी घूम रहे थे, तो इमरजेंसी के पांच टॉयलेट में तीन में तो लॉक लगा हुआ था।

हाल-ए-इमरजेंसी

इमरजेंसी वार्ड में कहने तो पांच टॉयलेट बने हुए थे, लेकिन इनमें से तीन ट्रॉयलेट तो ऐसे थे जिनमें लॉक लगी हुई थी। जबकि दो टॉयलेट खुले थे लेकिन जो टॉयलेट खुले हुए थे वह भी चोक थे। टॉयलेट में गंदगी पसरी थी, जिससे पेशेंट्स और तीमारदारों को टॉयलेट में एंट्री करना भी पॉसिबल नहीं हो पा रहा था।

खुले में घूम रहे डॉगी

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सैटरडे को ही इमरजेंसी में इलाज कराने आई एक महिला को डॉगी ने नोच लिया था। इसके बाद भी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड की तरफ डॉगी संडे को खुले में घूम रहे थे। लेकिन इनको रोकने वाला हॉस्पिटल में कोई नहीं था।

हॉस्पिटल परिसर में जलभराव

हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से कहने तो संचारी रोग माह चलाया जा रहा है। हाल ही में डेंगू के कुछ पेंशट्स मिलने से अलर्ट भी जारी किया गया। टीमें भी शहर में जांच को उतार दी गई हैं। लेकिन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल परिसर में ही बीमारी फैलाने का अड्डा बना दिया है। हॉस्पिटल कैंपस में इमरजेंसी के पास पानी भरा हुआ है।

बेतरतीब खड़े वाहन बन रहे मुसीबत

हॉस्पिटल के मेन गेट पर वाहन पार्किँग के लिए तो स्टैंड बना हुआ है लेकिन यहां पर सिर्फ टू-व्हीलर वाहन पार्क होता है। लेकिन इसके बाद भी टू व्हीलर वाहन पार्क में तो कम लेकिन पार्किंग से अधिक तो वाहन हॉस्पिटल कैंपस में बेहतरतीब ढंग से खड़े हो रहे हें। हालांकि इन वाहनों के कारण कई बार तो हॉस्पिटल में पेशेंट लेकर आने वाले एम्बुलेंस तक फंस जाती है लेकिन इसके बाद भी इस तरह वाहन पार्क करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।