बरेली में डीजीपी के निर्देशों की लंबे समय से हो रही अनदेखी,

58 वर्ष से ऊपर वाले भी थानों में जमाए हैं पांव, नहीं फॉलो हो रहा नियम

>BAREILLY: बरेली जिले में दो तिहाई थानों एसएचओ यानि इंस्पेक्टर की पोस्टिंग का रूल फॉलो नहीं हो रहा है। बल्कि यहां पुरानी व्यवस्था ही फॉलो हो रही है। इसके अलावा 58 साल से ऊपर वाले भी अपना पांव जमाए हुए हैं। कुछ दिनों पहले ही नए डीजीपी ने ज्वॉइनिंग के बाद इसका सर्कुलर जारी किया है। नए एसएसपी के आने के बाद उम्मीद है कि इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं। ज्वाइनिंग के दौरान भी उन्होंने कुछ इसी तरह से संकेत दिए थे।

सिर्फ 9 इंस्पेक्टर थाना प्रभारी

बरेली जिले में महिला थाना को मिलाकर कुल 29 थाने हैं। जिनमें 10 थाने सिटी और 19 थाने रूरल एरिया में हैं। जिले के दो तिहाई थानों में इंस्पेक्टर की तैनाती के सर्कुलर के हिसाब से बरेली में 19 या 20 थानों में इंस्पेक्टर की पोस्टिंग होनी चाहिए लेकिन यहां सिर्फ 9 ही इंस्पेक्टर तैनात हैं। इसके अलावा 20 थानों में एसआई को ही पोस्टिंग मिली है। जबकि जिले में 9 कोतवाली ही है। जिनमें ही इंस्पेक्टर की पोस्टिंग होनी चाहिए लेकिन यहां भी एसआई को तैनाती दी गई है। बरेली में कोतवाली सदर, प्रेमनगर, किला, बारादरी, कैंट, बहेड़ी, फरीदपुर, आंवला, नवाबगंज और शाही थाना में इंस्पेक्टर पोस्टेड हैं। यही नहीं बरेली में यादव थाना प्रभारियों को भी काफी तवज्जो दी गई है।

सस्पेंड होने पर न मिले पोस्टिंग

नए डीजीपी ने कुछ दिनों पहले ही 58 साल से अधिक उम्र के इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को भी थानों में पोस्टिंग पर न रखने के निर्देश दिए हैं। बरेली में इंस्पेक्टर कैंट, इंस्पेक्टर बहेड़ी के अलावा भी दो अन्य थाना प्रभारी हैं जो 58 साल से ज्यादा उम्र के हैं। इसके अलावा थानों पर तैनात इंस्पेक्टर और एसआई का पिछले 5 वर्षो में उनका सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र न रोका गया हो। 3 सालों में कोई गंभीर दंड न दिया गया हो। यही नहीं डीजीपी का निर्देश है कि एसओ लेवल के थाने पर इंस्पेक्टर को पोस्टिंग नहीं दी जाएगी और सस्पेंड होने वाले थाना प्रभारी को 3 महीने तक दोबारा थाना प्रभारी न बनाया जाए। इसके अलावा थाना प्रभारियों को बिना वजह बार-बार न बदला जाए। इन सभी की मॉनिटरिंग का जिम्मा डीआईजी को दिया गया है।