-कैम्पस में बने वित्त अधिकारी आवास के पास टहल रही थी बच्ची

बरेली : एमजेपीआरयू कैंपस में वेडनसडे शाम छह बजे आवारा कुत्तों ने एक छह साल कीच्बच्ची पर हमला बोल दिया। करीब छह-सात कुत्तों ने बच्ची को बुरी तरह से काटना शुरू कर दिया। इस बीच बच्ची की मां और पास के लोग कुत्तों को हटाने के लिए दौड़े। लेकिन तब तक काफी बच्ची लहुलुहान हो चुकी थी। आनन फानन में परिजन पड़ोसियों की मदद से बच्ची को पास के एक हॉस्पिटल में ले गए। जहां उसका इलाज शुरू हुआ।

आरयू में संजीव कुमार वरिष्ठ सहायक के पद पर तैनात हैं। कैंपस में बने मंदिर के पास ही उनका आवास है। विश्वविद्यालय के कर्मचारी राम प्रीत ने बताया कि संजीव की छह साल की बेटी आराध्या बेदी इंटर नेशनल में यूकेजी की छात्रा है। वेडनसडे शाम करीब छह बजे वह अपने घर के पास टहल रही थी। तभी आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। उसकी गर्दन, कान, हाथ और पैर में कई जगह काट लिया, जिससे उसके ब्लड निकलने लगा। कुत्तों के हमले से बच्ची बुरी तरह चीखने लगी। यह देख आराध्या की मां नीलम और कुछ कर्मचारी दौड़े। उन्होंने कुत्तों को भगाकर बच्ची को उठाया और हॉस्पिटल ले गए। देर रात तक उसका इलाज होता रहा। बच्ची की देखभाल के लिए वेद प्रकाश शाही, राज बहादुर, पंकज सहित कर्मचारियों की भीड़ अस्पताल के बाहर लगी रही।

परिसर में कुत्तों की भरमार

कर्मचारियों का कहना है कि परिसर में दर्जनों आवारा कुत्ते घूमकर अक्सर लोगों को दौड़ाते हैं। इसके लिए नगर निगम को पत्र भेजकर इन्हें पकड़ने का अनुरोध किया गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। विश्वविद्यालय के मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष राज बहादुर सिंह, महामंत्री राम प्रीत का कहना है कि थर्सडे को वीसी से मिलकर इसके लिए फिर से नगर निगम को पत्र लिखा जाएगा।

कुत्तों के हमलावर होने पर अंकुश जरूरी

बच्चों पर कुत्तों के हमलावर होने की घटनाएं बहेड़ी, सुभाषनगर, इज्जतनगर समेत बरेली के कई इलाकों में देखने में आती है। पिछले साल भी कई घटनाएं हुई थी। जिम्मेदारी नगर निगम की होती है कि कुत्तों को बाधियाकरण की प्रक्रिया करें, लेकिन इसमें खानापूर्ति अधिक होती है। ऐसे में आक्रामक होते कुत्तों पर अंकुश जरूरी है।