बरेली (ब्यूरो)। बरेलियंस को शॉपिंग करनी हो और वह कुतुबखाना मार्केट न पहुंचे, ऐसा हो नहीं सकता था। यह बात बीते एक साल पहले तक तो सही थी, पर अब हालात बिलकुल इसके उलट हैं। जब से कुतुबखाना पुल का निर्माण शुरू हुआ, तब से कोहाड़ापीर से लेकर कोतवाली तक का मार्केट बदहाली का शिकार है। बरेलियंस कहते हैं कि अब कुतुबखाना जाना मतलब जान को जोखिम में डालना है। दरअसल कुतुबखाना एरिया में 2022 से फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है। इस निर्माण के चलते यहां रास्ता पूरी तरह बाधित है। इससे लोगों ने यहां से दूरी बना ली है। फेस्टिव और वेडिंग सीजन की शॉपिंग करने यहां आने वालों की संख्या में भारी गिरावट आई है। इससे यहां के कारोबारी भी परेशान हैं।

रोड का हो रहा निर्माण
कुतुबखाना फ्लाईओवर निर्माण दिसम्बर 2022 तक ही पूरा हो जाना था, पर निर्माण की स्पीड स्लो होने से दिसंबर 2023 तक भी इसके पूरा होने की उम्मीद नहीं है। पुल के निर्माण के दौरान ही यहां सर्विस रोड बनाने के लिए खोदाई का काम शुरू कर दिया है। इससे यहां जगह-जगह बैरियर लगाकर लोगों का आना जाना बंद कर दिया गया है। हालांकि निकलने वाले जान जोखिम में डालकर अभी भी निकल रहे हैं। रोड और नाली निर्माण का काम भी चल रहा है। इससे रोड पर मलबा भी पड़ा है। दूसरी तरफ यहां सडक़ पर मशीनें भी खड़ी है, जिससे भी लोगों को निकलने में परेशानी हो रही है।

हादसे के बाद हुई सख्ती
सितम्बर में कुतुबखाना के पास ही पुल की शटरिंग की चादर गिर गई थी। इसमें एक युवक घायल हो गया था। इसके बाद उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई। इस मामले में निर्माण कराने वाली कंपनी पर केस दर्ज हुआ था। ज्ञात हो इससे पहले भी शटरिंग की चादर गिरने से एक युवक घायल हो चुका था। केस दर्ज होने के बाद निर्माण कराने वाली कंपनी ने वहां पर निर्माण कराने से हाथ खड़े कर दिए। कंपनी ने अफसरों ने लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की। उसके बाद ही निर्माण शुरू कराने की बात कही। इसके बाद वहां पर निर्माण एरिया में लोगों की आवाजाही पर सख्ती कर दी गई। हालांकि यह लोगों की सुरक्षा को देखते हुए भले ही की गई हो लेकिन इससे फेस्टिव सीजन में मार्केट में कस्टमर्स की संख्या जरूर कम हो गई।

शहर की है मेन मार्केट
कुतुबखाना एरिया शहर की ही नहीं बरेली मंडल के थोक व्यापारियों और कस्टमर्स के लिए मेन मार्केट है। इस कारण यहां पर सबसे अधिक व्यापारियों और कस्टमर्स का आना जाना होता है। फेस्टिव और वेडिंग सीजन की शॉपिंग के लिए यहां पर बरेली ही नहीं बदायंू, पीलीभीत और शाहजहांपुर के भी कस्टमर्स आते हैं।

बना रहता है डर

कुतुबखाना फ्लाईओवर के निर्माण के चलते वहां की मार्केट में अब जाने से डर लगता है। हादसा होने का भी डर बना रहता है। निर्माण के बीच रोड भी बंद है लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग निकलते हैं। यह रिस्क है।
नवनीता दास

मार्केट में अब शॉपिंग करने के लिए जाने की हिम्मत नहीं होती है। क्योंकि वहां पर खोदाई और निर्माण के बीच निकालना मुश्किल ही नहीं रिस्क भी है। रोड पर निकलने के लिए भी बैरियर लगा दिए हैं।
प्रतीक

रोड से निकलने की एक तो जगह नहीं है दूसरे कुतुबखाना जाना और फिर अंदर की मार्केट जाने की हिम्मत करना जान जोखिम में डालना है। वहां पर खोदाई और मलबा भी रोड पर ही पड़ा है इससे परेशानी होती है।
पवन गुप्ता

लोगों को आने जाने की समस्या होती है। इस कारण वहां से निकलने की हिम्मत नहीं होती है। यहां हम जो भी खरीदारी करने आते थे, वह अब राजेन्द्र नगर या दूसरी जगहों से खरीद लेते हैं।
प्रशांत