- कोरोना वायरस की वजह से चीन के प्रोडक्ट पर लगी रोक
- त्यौहार पर पिचकारी सहित अन्य सामान का टोटा
बरेली : कोरोना वायरस को लेकर चीन के साथ ही अन्य देशों में भी हाहाकार मचा हुआ है। सभी वायरस को लेकर सतर्क हैं। इसका असर होली के मार्केट पर भी दिख रहा है। हालात यह हैं कि पिछले साल की तुलना में इस बार होली पर व्यापारियों को 30 फीसदी घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
20 करोड़ की लगेगी चपत
शहर के बड़े व्यापारियों की माने तो पिछले साल की तुलना में इस वर्ष होली पर करीब 20 करोड़ की चपत व्यापार को लगेगी, जिससे व्यापारियों की होली फीकी होती नजर आ रही है। व्यापारियों का कहना है कि मुनाफा तो दूर की बात है असल का ही दाम मिल जाए यही बड़ी बात होगी।
आपूर्ति बंद होने से टूटी कमर
होली से दो महीने पहले से ही चाइना के प्रोडक्ट की आपूर्ति मार्केट में होती थी लेकिन इस वर्ष इस दौरान ही कोरोना का कहर जारी हो गया, जिससे चाइना से आने वाले सामानों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया। जिससे व्यापारियों की कमर टूट गई।
ड्रैगन फ्री दिख रहा मार्केट
शहर के पटेल चौक, कुतुबखाना, राजेंद्र नगर, बड़ा बाजार होली को लेकर गुलजार तो नजर आ रहा है लेकिन दुकानों पर इंडियन मेड सामान ही नजर आ रहा है। ड्रैगन यानि चाइनीज प्रोडक्ट पूरी तरह से नदारद हैं।
इन चाइनीज प्रोडक्ट की रहती थी धूम
व्यापारियों की माने तो होली पर चाइनीज पिचकारियों और रंगों की काफी डिमांड रहती थी। आकर्षक डिजाइन होने के कारण लोग इन्हें अधिक पसंद करते थे लेकिन इस बार मार्केट में इसकी कमी होने के कारण ग्राहकों में रुझान भी कम ही दिख रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि इंडियन मेड प्रोडक्ट, चाइनीज प्रोडक्ट की तुलना में महंगे होते हैं वही डिजाइन भी उतने आकर्षक नहीं होते हैं। सस्ता और आकर्षक होने की वजह से लोग चाइनीज प्रोडक्ट को खरीदने में ज्यादा तरजीह देते हैं।
प्रोडक्ट - इंडियन रेट - चाइनीज रेट
हर्बल रंग, 100 ग्राम - 10 रुपये - 8 रुपये
मुखौटा - 20 से 100 रुपये - 10 से 70
छोटी पिचकारियां - 50 से 300 - 20 से 150
बड़ी पिचकारियां - 100 से 1500 - 100 से 1000
व्यापारियों की बात
इस बार कोरोना वायरस के चलते चाईनीज माल की आपूर्ति को वैन कर दिया गया जिससे इस वर्ष होली पर करीब 20 करोड़ की चपत मार्केट को लगेगी।
राजेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष, उप्र उद्योग व्यापार मंडल
चाईनीज आई्रटम के आकर्षक डिजाइन के कारण ग्राहक इसे ज्यादा पसंद करते हैं वहीं इंडियन मेड आईटम की तुलना में यह सस्ते भी होते हैं।
राजेश जसौरिया, महामंत्री, उप्र उद्योग व्यापार मंडल