शहर के बदहाल ड्रेनेज सिस्टम पर ट्यूजडे को जनता ने नगर निगम को खूब आड़े हाथ लिया। नालों के निर्माण में गड़बडि़यों से लेकर सफाई के नाम पर किए जाने वाले घपले पर लोगों ने जमकर नाराजगी दिखाई। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम गर्मी लगी क्या में शामिल हुए लोगों ने कहा जब तक नगर निगम नाला व सीवेज लाइन के निर्माण की क्वालिटी और ठेकेदारों से लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी व जवाबदेही तय नहीं करता, तब तक खस्ता हाल ड्रेनेज सिस्टम में सुधार नहीं होगा। लोगों ने साफ कहा कि यदि सिस्टम में सीरियसली सुधार करना है तो, प्लानिंग से काम किया जाए।

BAREILLY:

शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर सरकारी सिस्टम की गैर जिम्मेदार वर्किंग पर पहला वार शमा गुप्ता ने किया। ट्यूजडे सुबह 10.45 बजे मठ एरिया में अपने आवास पर उन्होंने कहा उनके घर के पास ही अधूरा निर्माण कर नाला छोड़ दिया गया। मेयर से कंप्लेन की तो उन्हें खुद ही इस बारे में जानकारी न थी। इस पर रवि गुप्ता ने सिकलापुर में भी इसी दिक्कत का हवाला दिया। कहा, पिछले 5 साल में कोई सुधार न हुआ। सिप्ता अग्रवाल भी बोली कि कर्मचारियों से सफाई के लिए कहो तो इनकार कर देते हैं। प्रतिभा भी बोली कि शहर की सारी पुलिया टूटी हैं, इससे लंबे रास्ते से गुजरने की परेशानी झेलनी पड़ती है। वहीं सर्वेश कुमार अग्रवाल ने भी कहा कि आलमगिरी गंज में भी विधायक निधि से जो काम कराया गया, वह भी खामियों भरा रहा।

दोपहर 12.15 बजे जाटवपुरा स्थित वाल्मीकि मंदिर परिसर में लोगों ने शहर के बदहाल ड्रेनेज सिस्टम पर नाराजगी जताई। बंटी सिंह ने कहा कि वीआईपी एरियाज में नाला सफाई व जांच के लिए मेयर जाते हैं, लेकिन पिछड़े वार्ड में वह पिछले 5 साल में कभी झांकने नहीं आए। रुपेश ने कहा कई घर ऐसे हैं, जहां बारिश का पानी भर जाता है। नीरज ने कहा 11 फीट गहरा नाला सिर्फ 2 फीट चौड़ा है, लेकिन सफाई नहीं होती। कीचड़ की तह जमा हो गई है। इस पर अकरम ने कहा कि बारिश के दौरान नालों में कई बच्चों के गिरने से मौत हो गई है।

दोपहर 3.15 बजे इलाहाबाद बैंक में 'गर्मी लगी क्या' मुहिम में रिटायर्ड बैंक अधिकारी गोपाल वर्मा ने कहा 30 साल से नालों की परेशानी झेल रहे। नालों की सफाई व्यवस्था बेकार है। इस पर श्याम बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि जब तक हम जलभराव व ड्रेनेज सिस्टम की खामी से ही नहीं उबरते, तो स्मार्ट सिटी की बात कैसे करें। नालों के निर्माण में हो रही खामियों पर भी पहले सुधार होना चाहिए। इस पर जसवंत सिंह ने भी कहा कि मलीन बस्तियों का विकास सबसे पहले हो, जहां सीवर व नाला की दिक्कत सबसे ज्यादा है।

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जुर्माना लगाए बिना राहत नहीं

शहर के ड्रेनेज सिस्टम की बदहाली में नगर निगम के अलावा जनता को भी कसूरवार ठहराया। जाटवपुरा में

विशाल ने कहा कि पूरे वार्ड में एक भी डस्टबिन नहीं। इससे लोग मजबूरी में नाला में ही कचरा फेंक रहे। वहीं नीरज ने कहा डेयरीज का गोबर नाला में बहाए जाने से चोक की परेशानी बढ़ी है। वहीं मठ में विजय अग्रवाल बोले, शहर के सभी एरिया में ड्रेनेज की यही बुरी हालत है। शिकायत करें तो सफाईकर्मी इससे ज्यादा काम न करने की बात कहते हैं। मुहिम में सबसे अहम बात यह रही कि शहर की सफाई में सिर्फ विभागों के एक्टिव होने से काम नहीं चलेगा, जो लोग कूड़ा फेंके उनके खिलाफ सख्ती से जुर्माना वसूला जाए।

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वर्जन

ड्रेनेज सिस्टम अव्यवस्था शहर की बीमारी है। जगह-जगह नालों के अधूरे व खराब काम से ट्रैफिक जाम भी लग रहा। शहर का विकास हो, लेकिन प्लानिंग के साथ। - शमा गुप्ता

जाटवपुरा से बड़ा नाला गुजरता है। सीवर लाइन पुरानी व छोटी पड़ गई हैं। पिछले 5 साल से ड्रेनेज की समस्या बनी हुई है। इस पर कोई सुधार न हुआ है। नालों में सफाई ही नहीं होती है। - सीताराम

बिना प्लानिंग किए शहर के नालों की स्थिति और जलभराव की समस्या से राहत न मिलेगी। साल में 10 महीने आराम और महज 2 महीने के काम के तरीके से सुधार न होगा। - अजय शुक्ला

शहर के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए समय से प्लानिंग कर ईमानदारी से काम होना चाहिए। इसमें लापरवाही न हो। मानसून के आने से महीनों पहले से सुधार शुरू होना चाहिए। - .लौंगिया

नालों के अधूरे निर्माण व चोक होने से सारी जनता को दिक्कत हो रही। जरा सी बारिश में लोगों के घरों के अंदर तक पानी भर जाता है। नाला सफाई में जनता को भी सहयोग करना चाहिए। - अलाइना

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