-हर्षोल्लास के साथ मनाया ईद -उल-अजहा (बकरीद)

BAREILLY:

ईद-उल-अजहा (बकरीद) के मुबारक मौके पर शहर की हर छोटी बड़ी मस्जिदों सहित ईदगाह पर नमाज अदा की गई, जहां मुल्क की तरक्की की सजदे में सिर झुकने के बाद दुआ के लिए हाथ उठे। इसके बाद नमाजियों ने गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी। बाकरगंज ईदगाह में ईद-उल-अजहा पर सबसे बड़ी नमाज ताजुशशरिया मुफ्ती अख्तर रजा खां अजहरी मियां ने अदा कराई। खुतबा शहर काजी मौलाना असजद रजा ने पढ़ा। यहां करीब पांच हजार से अधिक लोग नमाज अदा करने पहुंचे। इस दौरान डीएम, एसएसपी, एडीएम सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी क्राइम, मेयर, नगर आयुक्त, सहित तमाम आला अफसर मौजूद रहे।

यहां भी अदा की ईद की नमाज

सुबह से ही शहर की मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए लोगों के आने का दौर शुरू हो गया। बाकरगंज स्थित ईदगाह के अलावा दरगाह आला हजरत, दरगाह शराफत मियां, नौमहला मस्जिद, जामा मस्जिद, खिरनी मस्जिद, मिजाई मस्जिद, चौकी चौराहा आदि में भी नमाज अदा करने लोग पहुंचे। ईद-उल-अजहा पर करीब सप्ताह भर से बकरों की खरीद-फरोख्त शुरू हो गई थी। शहर के कई स्थानों पर इनकी ब्रिकी हुई। राजस्थान, दिल्ली, मुम्बई, हरियाणा,पंजाब, कश्मीर आदि प्रदेशों के बकरे शामिल रहे।

मुस्तैद रहा पुलिस बल

हर संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल व आरआरएफ के जवान मौजूद रहे। जिला प्रशासन भी सुरक्षा व सौहार्द को लेकर पूरी तरह मुस्तैद रहा। अप्रिय घटना को रोकने के लिए खुफिया पुलिसकर्मी लगे रहे। नमाजियों की सहूलियत के लिए नागरिक सुरक्षा कोर के सदस्य मौजूद रहे।

तीन तलाक के मुद्दे पर दी नसीहत

नमाज से पहले ईदगाह में खचाखच भरे मुस्लिमों के हुजूम से मुखातिब होते हुए जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने महिला व पुरुषों को तीन तलाक के मुद्दे पर नसीहत दी। साथ ही कहा, अब संसद को ही इस मसले पर कानून बनाना है तो केंद्रीय हुकूमत से हमारी मांग है, जो भी कानून बनाया जाए वो मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार हो।

पुरुष न दे तीन तलाक

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कौम की कमियों की वजह से तीन तलाक के मुद्दे को लेकर शरीयत का मजाक बनाया जा रहा है। यदि हम अपनी खामियां को दूर कर ले तो ये अफसोसजनक दिन देखने को नहीं मिलेंगे। पुरुषों को चाहिए वह एक साथ में तीन तलाक न दें। शरीयत में जो तरीका बनाया है उसको अपनाएं। पुरुषों की इन्हीं कमियों की वजह से महिलाएं हुकूमत का दरवाजा खटखटा रही हैं।

शरीयत के मुताबिक महिलाएं जियें जिंदगी

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुस्लिम महिलाओं को नसीहत दी की अंग्रेजी पढ़ लिखकर मॉडर्न बन जाना कमाल की बात नहीं है। कमाल की बात ये है, अपनी जिंदगी को शरीयत के मुताबिक अमल की जाए। महिलाओं को चाहिए, वह कोर्ट, कचहरी, थाना, पुलिस से बचें। इन जगह पर जाने से वक्त और पैसे की बर्बादी के साथ इज्जत भी नीलाम होती है।