- बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी निजीकरण के विरोध में पिछले एक हफ्ते से कर रहे हैं प्रदर्शन

BAREILLY:

प्रदेश के पांच शहरों में बिजली के निजीकरण किए जाने के विरोध में बिजली कर्मियों का पिछले एक हफ्ते से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपनी समस्याओं के लिए लगातार रैली, धरना प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। लेकिन उन्हें पब्लिक की समस्याओं से कुछ लेना-देना नहीं। बिजलीघरों, डिवीजन और कंट्रोल रूम में बिजली से जुड़ी 300 से अधिक शिकायतें पहुंच चुकी हैं, लेकिन उनका निस्तारण नहीं हो रहा है। यहां तक ही पिछले दिनों उपभोक्ता देवों भव: नाम से खुले हेल्प डेस्क से भी बिजली उपभोक्ताओं को खाली लौटना पड़ रहा है।

नहीं हो रहा शिकायतों का निस्तारण

बिजली कर्मियों के हड़ताल और कार्य बहिष्कार की वजह से नए कनेक्शन, बिल करेक्शन और बिजली बिल जमा नहीं हो रहे हैं। पूरे दिन कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन और रैली में ही जुटे रहते हैं। यदि, कोई फॉल्ट आ गया तो फिर भगवान ही मालिक है। थर्सडे को भी दोपहर 1 बजे सिविल लाइंस 132 केवीए लाइन में खराबी आ गई। जिसकी वजह से सिविल लाइंस, कुतुतबखाना, शाहदाना, रामपुर बाग, जगतपुर और सिंधुनगर सहित अन्य एरिया की बिजली गुल हो गई। शाम 5.30 बजे लाइन में आई खराबी को ट्रैस कर सही किया जा सका।

शहर में 250 कर्मियों की संख्या

चार डिवीजन में बंटे शहर में बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या करीब 250 है। इनमें चीफ इंजीनियर, एक्सईएन और एसडीओ की संख्या 25 है। जबकि, बाकी जेई, ट्रॉलीमैन, लाइनमैन और टीजी टू हैं। जो कि निजीकरण के खिलाफ सरकार का विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार निजीकरण का फैसला विभाग के स्टाफ पर थोपना चाह रही है। जबकि, पिछले कुछ वर्षो में राजस्व वसूली बढ़ी है।

शहर एक नजर में

- बिजली विभाग चार डिवीजन में बंटा हैं।

- 14 लाख शहर की कुल आबादी।

- 1.80 लाख बिजली उपभोक्ताओं की संख्या।

- 20 सबस्टेशन चारों डिवीजनों में हैं।

- 25 बिजली अधिकारियों की संख्या।

- 200 बिजली कर्मचारियों की संख्या।

कार्य बहिष्कार का असर

- शाम 5 बजे के बाद से सुबह 10 बजे तक किसी भी प्रकार का कार्य नहीं होगा। न ही कोई शटडाउन लिया जाएगा।

- शाम 5 बजे के बाद से सुबह 10 बजे तक सभी अभियंताओं के मोबाइल बन्द रहेंगे।

- राजस्व वसूली, नए संयोजन, विद्युत विच्छेदन के लिए किसी भी प्रकार का कैम्प और सौभाग्य कैम्प नहीं लगाया जाएगा।

- दिन भर अपनी मांगों को लेकर रैली और धरना प्रदर्शन।

सिर्फ दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक कार्य नहीं हो रहा है। लेकिन बिजली कर्मचारियों से बाकी समय में शिकायतों का निस्तारण करने को कहा गया है। यदि, किसी की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है, तो वह डायरेक्ट आकर मुझसे मिल सकते हैं।

अंशुल अग्रवाल, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग