एक महीने के अंदर चार बार कट चुकी है बीएसएनएल की ओएफसी लाइन

बीएसएनएल ने एक प्राइवेट कंपनी के खिलाफ दी तहरीर

<एक महीने के अंदर चार बार कट चुकी है बीएसएनएल की ओएफसी लाइन

बीएसएनएल ने एक प्राइवेट कंपनी के खिलाफ दी तहरीर

BAREILLY:

BAREILLY:

एक महीने में चार बार या कहें हर बार बीएसएनएल की ओएफसी (ऑप्टीकल फाइबर केबल) कटने से कस्टमर को जबरदस्त परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। लिहाजा, बीएसएनएल के तमाम कस्टमर भी फॉल्ट के चलते उससे दूर जा रहे हैं। ऐसे में, बीएसएनएल ने टेलीकॉम कंपनी के खिलाफ तहरीर दिया है। बाद में, टेलीकॉम कंपनी ने बीएसएनएल को तार कटने का हर्जाना दे दिया। लिहाजा, हर्जाना मिलने से मामला ठंडा पड़ गया था, लेकिन इस महीने बार-बार ओएफसी कटने से बीएसएनएल एक बार फिर सकते में है।

ये कस्टमर तोड़ने की साजिश

कॉम्पिटीशन के इस दौरान में टेलीकॉम कंपनियों में अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को बीट करने की जबर्दस्त होड़ मची है। बरेली में बीएसएनएल के कस्टमर अन्य प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों की अपेक्षा ज्यादा हैं। विभागीय आंकड़े के मुताबिक डिस्ट्रिक्ट में बीएसएनएल के ही केवल तीन लाख मोबाइल यूजर्स हैं। इसलिए बीएसएनएल को लगता है कि प्राइवेट कंपनिया उनके कस्टमर तोड़ना चाहती हैं। यही वजह है कि आए दिन उनकी उनकी ओएफसी लाइन काटी जा रही है। ताकि उसके कस्टमर टूट जाएं।

हर बार सिर्फ बीएसएनएल में कट

बता दें कि इन दिनों बिजली विभाग की तरफ से अंडर ग्राउंड बिछाए जा रहे बंच कंडक्टर वॉयर को केईआई कंपनी बिछा रही है। केईआई कंपनी के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते एक महीने में सीबीगंज, कोहाड़ापीर, प्रभा टॉकीज और अब अक्षर विहार में ओएफसी लाइन कट गई है। इससे सर्विस बेपटरी हो चुकी है। इसके चलते अभी तक बीएसएनएल को अब तक एक करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जबकि करीब डेढ़ लाख कस्टमर प्रभावित रहे हैं। वहीं पिछले महीने भी राजेंद्र नगर और पीलीभीत बाईपास के पास एक टेलीकॉम कंपनी के वर्क के चलते ओएफसी कट चुकी है। तब बीएसएनएल ने तहरीर दी थी तो कंपनी ने मुआवजा अदा किया था।

भुगतना पड़ रहा है नतीजा

बार-बार सर्विस बाधित होने से इसका बीएसएनल को इसका नुकसान सहना पड़ रहा है। विभाग के लैंडलाइन कस्टमर की संख्या कुछ समय पहले जहां एक लाख से ऊपर थी, वह घटकर अब क्9 हजार सिमट गई है। कुछ ऐसा ही हाल बीएसएनएल के मोबाइल यूजर्स का भी है। पिछले कुछ समय से तीन लाख से ऊपर मोबाइल यूजर्स की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा है। जबकि संख्या में कटौती हो रही है। अच्छी सर्विस न मिल पाने के कारण हर महीने के बीएसएनएल के ब्0 से भ्0 कस्टमर दूसरी कंपनी में अपना नंबर पोर्ट करवा रहे हैं।

नहीं देते है कोई इंफॉर्मेशन

नियम के मुताबिक जिस भी कंपनी को अपना केबल बिछाना है तो उसे यह कन्फर्म करना चाहिए कि किसी दूसरी कंपनी का तार तो वहां नहीं बिछा है। यदि बिछा है तो उससे इजाजत लेना चाहिए ताकि उस कंपनी के कर्मचारी यह बता सकें कि उनका तार जमीन से कितना नीचे है। ताकि उस कंपनी की सर्विस पर कोई असर न पड़े लेकिन जितनी बार भी बीएसएनएल ओएफसी कटी है। इसकी जानकारी उसे नहीं दी गई।

ओएफसी कटने से आर्मी का रेजिडेंस एरिया की सर्विस बंद है। फॉल्ट ट्रेस नहीं हो सका है। डीएम और कमिश्नर को इस संबंध में एक लेटर लिखा है।

मणि राम, सीनियर जीएम, बीएसएनएल