बरेली (ब्यूरो)। Eye Flu : दो ऐसे मरीज सामने आए हैैं, जिनकी आंखों से खून आने लगा। इसके साथ ही आई फ्लू के संक्रमण की दर काफी ज्यादा है। डॉक्टरों को आशंका है कि आई फ्लू का वायरस अपना स्ट्रेन बदल रहा है। इसकी संभावना इस वजह से जताई जा रही है कि यह तेजी से लोगों के बीच अपना पैर पसार रहा है। इस वायरस की गतिशीलता की वजह से डॉक्टर भी हैरान हैैं। हालांकि शोध के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी।

दो मरीज आए सामने
तीन सौ बेड हॉस्पिटल में ट्यूज डे को दो ऐसे पेशेंट्स आए, जिनकी आंखें पूरी तरह से लाल थीं। मरीजों का कहना था कि उनकी आंखों के निचले हिस्से से खून रिस रहा है। उन्हें तेज दर्द भी था, जिसकी वजह से उन्हें बेचैनी बहुत ज्यादा थी। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के मरीजों को हेमरेजिक क्रेटो कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं। जिले में पूरे संक्रमण के दौरान पहली बार यह मरीज सामने आए हैैं। तीन सौ बेड अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ। डीएन सिंह ने बताया कि इस तरह की समस्या उन मरीजों को ज्यादा होती ह,ै जो किसी भी तरह की खून पतला करने की दवा लेते हैं। खून पतला होता है और संक्रमण के दौरान उनकी आंखों से छलकने लगता है।

घातक नहीं, बरतें सावधानी
डॉ। डीएन सिंह का कहना है कि आई फ्लू अमूमन एडिनो वायरस की वजह से होता है। इस बार यह कोई नया नहीं, बल्कि हर साल होता है मगर कभी भी इतना नहीं फैला जितना इस साल फैल रहा है। वायरस घातक नहीं है, लेकिन संक्रमण दर पहले से कई गुणा अधिक है। इससे यह कहना गलत नहीं हैं कि कोविड की तरह एडिनो वायरस के स्ट्रेन में भी बदलाव हुआ है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि होना बाकी है।

ओपीडी में लगातार बढ़े मरीज
ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या हॉस्पिटल में लगातार बढ़ रही है। हालांकि हॉस्पिटल आने वालों को लगातार इस बारे में अवेयर किया जा रहा है कि वह क्या सावधानी बरतें। क्योंकि डॉक्टर्स का कहना है कि सावधानी ही बचाव है। अगर किसी को आई फ्लू की शिकायत है तो वह बगैर चश्मा के कहीं किसी के सामने न जाए। जिससे दूसरों को प्रॉब्लम होने पाए।

बच्चे भी हो रहे संक्रमित
जिला अस्पताल या फिर निजी आई सर्जन के पास आने वाले मरीजों में कई ऐसे परिवार हैं जिनके बच्चे भी आई फ्लू के शिकार हो गए हैं। इससे उन्हें भी समस्या हो रही है।

स्पेशलिस्ट्स की बात
जिस पेशेंट्स की इम्यूनिटी कम होती है और इंफेक्शन अधिक सीविर होता है तो ऐसे केसेस में भी आंखों से ब्लड आ सकता है। अभी स्ट्रेन में बदलाव की बात तो जांच के बाद ही कही जा सकती है। डरें नहीं आई फ्लू अगर हो जाए तो सावधानी बरतें। डॉक्टर्स से सलाह लेने के बाद ही कोई दवा यूज करें।
डॉ। अक्षत बास, नेत्र रोग विशेषज्ञ

आई फ्लू अमूमन एडिनो वायरस की वजह से होता है। इस बार यह कोई नया नहीं बल्कि हर साल होता है। मगर कभी भी इतना नहीं फैला, जितना इस साल फैल रहा है। इस बार इस वायरस में घातकता नहीं है।
डॉ। डीएन सिंह, वरिष्ठ नेत्र रोग एक्सपर्ट, तीन सौ बेड अस्पताल