-सैटरडे लोक अदालत में 84 मामलों की हुई सुनवाई

-31 मामलों में पति-पत्‍‌नी एक साथ रहने के लिए फिर हुए राजी

>BAREILLY: बरेली में सैटरडे को लोक अदालत में रिश्तों की कई उलझी डोर आपसी सहमति से सुलझ गई। एक-दूसरे से अलग रहने वाले पति-पत्नी साथ रहने को राजी हो गए। लोक अदालत में सैटरडे को 84 मामलों की सुनवाई हुई, इन मामलों में 31 वैवाहिक जोड़ों ने फिर से हंसी-खुशी रहने को तैयार हो गए। वहीं 34 मामलों में भरण-पोषण देना का आदेश कोर्ट ने सुनाया।

कोर्ट से संगम व प्रीति हुई विदा

बरेली निवासी संगम का विवाह कटरा चांद खां निवासी जोगराज से वर्ष 2007 में हुआ था। शादी में संगम के घर वालों ने काफी दान दहेज दिया था। कुछ समय बाद संगम का पति उससे दहेज में नकदी की मांग करने लगा। इसी दौरान संगम को एक बेटा और बेटी भी हुए। वहीं रुपयों की डिमांड पूरी न होने पर संगम को आये दिन प्रताडि़त करने लगा और उसको घर से निकाल दिया ़ उसके बाद से संगम अपने दोनों बच्चों के साथ मायके चली गई और पति के खिलाफ केस दायर कर दिया। सैटरडे को केस की सुनवाई के दौरान दोनों पति-पत्‍‌नी ने समझौता कर लिया ़

वहीं एक अन्य मामला फरीदपुर की प्रीति का विवाह 2008 में बरेली के देवेन्द्र के साथ हुआ था। कुछ समय बाद दोनों पति-पत्‍‌नी में किसी बात को को लेकर अनबन हो गई, उसके बाद से प्रीति अपने मायके चली गई और पति के खिलाफ वाद दायर कर दिया। सैटरडे को केस की सुनवाई के अपर जिला जज हरीश कुमार ने दोनों पति-पत्‍‌नी को एक साथ रहने का फैसला सुनाया।