-स्टूडेंट्स को प्राथमिक उपचार मुहैया कराने के लिए मिलता है हर साल बजट

-अधिकारियों की मिलीभगत से प्रधानाध्यापक चट कर जाते हैं पैसा

<-स्टूडेंट्स को प्राथमिक उपचार मुहैया कराने के लिए मिलता है हर साल बजट

-अधिकारियों की मिलीभगत से प्रधानाध्यापक चट कर जाते हैं पैसा

BAREILLY

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शिक्षक और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते स्कूल्स से फ‌र्स्ट एड किट गायब हो गई। इसका खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है। कोई बच्चा बीमार या हो जाता है, तो उसे तत्काल प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाता है। टीचर्स उल्टा उसे छुट्टी देकर घर भेज देते हैं।

सरकार देती है बजट

जिले में ख्9भ्0 जूनियर और प्राइमरी स्कूल्स हैं। जिनमें करीब फ्,ब्0 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। इन स्कूल्स के रख-रखाव और फ‌र्स्ट एड किट के लिए सरकार से सात हजार तक का बजट मिलता है। लेकिन शिक्षक और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी इस बजट का बंदरबांट कर लेते हैं। नाम के लिए पुताई तो हो जाती है, लेकिन फ‌र्स्ट एड किट के बजट का गोलमाल कर लिया जाता है। अधिकारियों के इस भ्रष्टाचार की मार नौनिहालों पर पड़ती है। क्योंकि स्कूल टाइम में किसी स्टूडेंट्स की तबीयत बिगड़ जाती है, तो उसे प्राथमिक उपचार नहीं नहीं मिल पाता है। वहीं शिक्षक भी अपनी जिम्मेदारी से बचने और कमियों को छिपाने के लिए स्टूडेंट्स को छुट्टी दे देते हैं।

बरसती है बीएसए की कृपा

सीबीगंज निवासी राजेश पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने बीएसए देवेन्द्र स्वरूप सचान से कई बार मौखिक और लिखित में शिकायत की। लेकिन उन्होंने हर बार हवा में उड़ा दिया। उनकी लापरवाही का परिणाम है कि अभी तक स्कूल्स में फ‌र्स्ट एड किट नहीं आई है। उन्होंने स्कूल्स की बदहाली के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा है।

वर्जन

सभी स्कूल्स में फ‌र्स्ट एड किट होना जरूरी है, ताकि स्टूडेंट्स को प्राथमिक उपचार मिल सके। इसके लिए शासन की ओर से बजट भी मिलता है। जल्द ही निरीक्षण किया जाएगा। यदि किसी स्कूल में मेडिकल किट नहीं मिली, तो वहां के प्रधानाध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

शशिदेवी शर्मा, एडी बेसिक