- अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी रही मां की अधिकारियों ने नहीं ली सुध

BAREILLY: पिछले पांच वर्ष से इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही एक मां मंडे को डीएम की दहलीज (कलेक्ट्रेट गेट ) पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई। हैरत की बात यह रही कि पिछले पांच वर्ष से महिला की पीड़ा को अनसुना कर रहे अधिकारियों को उसका यह दर्द दहलीज पर आने के बावजूद न दिखा। वहीं महिला का कहना है कि जब तक उसे इंसाफ नहीं मिलेगा। वह वहीं धरने पर बैठी रहेगी।

पांच वर्ष से चल रहा इलाज

फरीदपुर तहसील थाना बिथरी चैनपुर के ग्राम रजऊ परसपुर निवासी रूपेश देवी ने बताया कि 15 सितंबर 2012 को बेटे सोनू उर्फ सुरेंद्र पर गांव के ही दबंगों ने हमला किया था। इसमें पप्पू, झब्बू, छोटे ने उसे रास्ते में घेर कर बुरी तरह पीट दिया। जिसकी शिकायत थाने में की,लेकिन कार्रवाई नहीं हुई और न ही इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल प्रशासन राजी हुआ। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दो दिनों तक भर्ती रखने के बाद जबरन निकाल दिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद प्राइवेट हॉस्पिटल में पिछले करीब 5 वर्षो से इलाज चल रहा है।

भुखमरी की कगार पर परिवार

5 वर्ष बाद जमीन, जेवर बेचकर किसी तरह इलाज कराने के बाद 1 फरवरी 2017 को मां रूपेश ने जिलास्तरीय अधिकारियों से गुहार लगाई। डीएम, एसएसपी, एसपी, कमिश्नर के यहां भी गुहार लगाई लगाने के बावजूद न तो इलाज के लिए मदद मिली और न ही दबंगों पर कोई कार्रवाई हुई। बेटे के इलाज के लिए घर का सब कुछ बेच दिया। इकलौता बेटा की हिफाजत में सभी कुछ गंवा दिया है। घर में खाने के लिए दाना तक नहीं है। ऐसे में घर में भूखे मरने की नौबत आ गई है। तंग आकर मंडे को महिला कलेक्ट्रेट पर अनशन पर बैठ गई है। सुबह 10 बजे से अनशन पर बैठे परिवार की अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली। हालांकि, राहगीरों ने थोड़ी मदद की।