बरेली (ब्यूरो)। 15 अक्टूबर को एक कंपनी के सेल्स मैनेजर से 1.10 लाख रुपए की लूट हो गई थी। आरोपित उस कंपनी में ही तीन साल पूर्व काम करता था। उसने अपने साथियों संग मिलकर लूट को अंजाम दिया। उसके बाद पुलिस उन्हें पकड़ न लें, इसके लिए लूट के रुपयों में से ही भंडारे के लिए दान भी दिया। इतना ही नहीं उन रुपयों में से ही 151 रुपए के चने लेकर बंदरों को भी खिलाए। पुलिस ने जब आरोपितों को अरेस्ट किया तो उन्होंने ये सब बातें बताते हुए अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इस दौरान पुलिस उनसे केवल 38 हजार रुपए ही बरामद कर सकी। चारों को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

यह था मामला
15 अक्टूबर को हार्टमैन पुल पर किप्स हीरो एजेंसी सेल्स मैनेजर दीपक कुमार से लूट हो गई थी। उन्होंने प्रेमनगर पुलिस को बताया कि वह बिक्री का 1.10 लाख रुपये लेकर घर जा रहे थे। उसी वक्त पीछे से दो बाइक से चार लोग आए और उन्होंने उनकी बाइक के आगे पीछे अपनी बाइक्स लगा दीं। उनमें से एक युवक ने बैग छीना और चारों मौके से फरार हो गए। लूट की प्राथमिकी पंजीकृत होने के बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की। घटना स्थल के आस-पास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। फोटो के माध्यम से आरोपितों की पहचान कर सेटेलाइट के रहने वाले अभिषेक गंगवार, मढ़ीनाथ के प्रशांत उर्फ प्रियांशु, अभिषेक कुमार राघव और गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने ही घटना को अंजाम दिया था। जिसका मास्टरमाइंड अभिषेक कुमार राघव था। राघव तीन साल पहले ही किप्स हीरों में काम कर चुका था। वहां पर वह पूरा गाडिय़ों का पूरा हिसाब-किताब रखता था। इसलिए उसे अंदाजा था कि सेल्स मैनेजर हर दिन कितना रुपया लेकर जाता है। उन्होंने बताया कि सभी पर मोटा कर्जा हो गया था। इसलिए उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया।

घटना के बाद दिया दान
आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि घटना के बाद उन्होंने लूट की रकम में से 500 रुपये भंडारे में चंदा दिया। बाकी 151 रुपये के चने लेकर रामगंगा पर बंदरों को खिलााए, जिससे पुलिस उन्हें पकड़ न सके। चारों आरोपितों के एक आरोपित स्नातक का छात्र है, दूसरा एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। तीसरा आरोपित 10वीं तक पढ़ा है। चौथा आरोपित काम की तलाश में है।

घटना के बाद हुई पार्टी
लूट के बाद सभी दोस्तों ने मिलकर पार्टी भी की। पनीर आदि खाने का मंगाने के साथ ही शराब की बोतल मंगाई गई फिर जमकर जश्न मनााया। कुल रुपये में से पुलिस को केवल 38 हजार रुपये ही बरामद हुए। बाकी रुपए उन्होंने खर्च कर दिए। इधर जांच में जुटी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और एसओजी की मदद से उन्हें पहचान कर अरेस्ट कर लिया।