-रावण को बेचकर मिलने वाले पैसों से अपनी और भाई-बहनों की भरती है फीस

BAREILLY

बरेली की एक बिटिया पुतला बनाने के हुनर से ज्ञान की ज्योति जलाए हुए है। हर साल दशहरा पर रावण का पुतला बनाकर अपनी और भाई-बहनों के पढ़ाई की फीस का खर्चा निकाल लेती है।

ललक ने दिया हौंसला

बरेली के कालीबाड़ी निवासी पूनम सात भाई बहनों और माता-पिता के साथ रहती है। पूनम के पिता कालीबाड़ी की ही एक शॉप पर पल्लेदारी का काम करते हैं। घर पर परिवार बड़ा होने के चलते उसके पिता को सभी बच्चों की स्कूल फीस जमा करने में परेशानी होती था, जिसे देखकर पूनम कुछ करना चाहती थी लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ना चाहती थी। करीब तीन साल पहले पूनम ने पड़ोस में एक युवक को रावण का पुतला बनाते हुए देखा था। तब पूनम के मन में विचार आया कि वह भी रावण के पुतले बनाकर कुछ पैसे कमा सकती है, जिससे वह अपनी और अपने भाई बहनों की स्कूल फीस जमा कर सकती है।

और बन गई हुनरमंद

पड़ोसी की नकल कर पूनम ने रावण का पुतला बनाने का फैसला लिया और रावण के दो पुतले भी बना लिये। उसके बनाए दोनों पुतले अच्छे दाम में बिक भी गए। इससे उसका हौंसला और बढ़ा। अब हर साल वह बड़ी संख्या में रावण का पुतला बनाती। पुतले बेचकर अच्छी कमाई भी कर लेती है, जिससे वह अब न सिर्फ पिता की मदद कर पाती है। बल्कि अपनी और भाई-बहनों की फीस भी जमा करती है।