बरेली (ब्यूरो)। इंटरमीडिएट के बाद स्टूडेंट्स में जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज के प्रति बढ़ते रुझान का खामियाजा शहर के महिला डिग्री कॉलेजेज को भी उठाना पड़ रहा है। बेटियों की शिक्षा के लिए खोले गए इन डिग्री कॉलेजेज में जहां पहले एडमिशन की वेटिंग रहती थी, वहां अब सीट्स फिल करना तक कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन के लिए चैलेंज बन रहा है। इन कॉलेजेज में इस सत्र में अब तक हुए एडमिशन पर नजर डालें तो स्थिति चिंताजनक जान पड़ती है।

कन्या महाविद्यालय आर्य समाज भूड
यह कॉलेज कभी बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए शहर में फेमस था। शिक्षा के लिए यहां सुरक्षित माहोल होने से अधिकांश पेरेंट्स अपनी बेटियों को यही से ग्रेजुएशन कराना चाहते थे। शिक्षा के बदलते पैटर्न से अब यह कॉलेज अपनी पहचान बचाने तक के संकट से जूझ रहा है। इस सत्र की एडमिमशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद यहां कुल सीट के सापेक्ष हुए नए एडमिशन से यह बात साफ हो भी रही है। इस कॉजेज में ग्रेजुएशन की कुल 640 सीट्स हैं और यहां इस सत्र में मात्र 85 एडमिशन ही हो पाए हैं। इस तरह यहां नए सत्र में 13 परसेंट ही एडमिशन हो पाए हैं। एडमिशन की ऐसी स्थिति से कॉलेज के टीचर्स तक चिंतित हैं।

नहीं भर पा रहीं सीट्स
महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ। सुनीता जोशी का कहना है कि कॉलेज में पहले कभी ऐसी सिचुएशन फेस नहीं करनी पड़ी जैसी बीते कुछ टाइम से करनी पड़ रही है। समय बीतने के साथ यहां पर एडमिशन में कमी देखने को मिल रही है। हमारे टीचर्स, स्टाफ स्टूडेंट्स की हेल्प के लिए हमेशा एक्टिव रहते हैैं। इसके अलावा महाविद्यालय में पीजी के एडमिशन चल रहे है।

पोस्ट ग्रेजुएशन

सब्जेक्ट सीट
संगीत वादन 15
हिंदी 60
इंग्लिश 60
चित्रकला 30

साहू रामस्वरूप महिला महाविद्यालय
यह कॉलेज अपने कई डिपार्टमेंट्स के लिए फेमस है, लेकिन इस बार यहां हुए एडमिशंस कुछ और ही हाल बयां कर रहे है। महाविद्यालय में ग्रेजुएशन में बीए, बीकॉम (ऑनर्स), बीएससी (होम साइंस) कोर्स हैैं। इसमें टोटल 840 सीट्स हैं, जिसमें 478 सीट्स फिल हुई हैैं। यह कुल सीट्स के सापेक्ष 56.90 प्रतिशत ही है। महाविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि यह पहली बार हुआ है जब इतने कम एडमिशन हुए है। नहीं तो सीट्स हर बार फुल ही हो जाती थी।

कोर्स एडमिशन सीट्स
बीए 454 720
बीकॉम (ऑनर्स) 13 60
बीएससी (होम साइंस) 11 60

रिजेक्ट भी हुए फार्म
इस कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया से जुड़े कर्मचारी अतुल सक्सेना ने बताया कि कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जो अभी भी एडमिशन लेना चाहते हैं, पर कुछ वजहों से एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं। कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जिनके फॉर्म में कुछ माइनर मिस्टेक्स थीं, जिसकी वजह से उन स्टूडेंट्स के फॉम्र्स एक्सेप्ट नहीं हो पाए। स्टूडेंट्स की इस चिंता को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रबंधन से एडमिशन पोर्टल ओपन करने की बात की जा रही है। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि पोर्टल ओपन होगा या नहीं।

पीजी में एडमिशन जारी
साहू रामस्वरूप महिला महाविद्यालय में एमए, एमएससी, एमकॉम में एडमिशन अभी चल रहे हैं। इसके अलावा एमए म्यूजिक, हिस्ट्री, इंग्लिश, एजुकेशन, होम साइंस जैसे सब्जेक्ट में भी अभी सीट्स अवेलेबल हैं।

सब्जेक्ट (एमए) सीट्स
सोशलॉजी 80
म्यूजिक 25
ड्राइंग 25
हिस्ट्री 80
इकॉनोमिक्स 80
पॉलिटिकल साइंस 80
इंग्लिश 80
एजुकेशन 80

एमकॉम 30
एमएससी (होम साइंस) 30


चिंताजनक है रुझान
इस सत्र में ग्रेजुएशन में एडमिशन कम हो पाए हैं। कॉलेज अपनी ओर से भरसक प्रयास करता है कि स्टूडेंट्स को बेहतर एजुकेशन मिले। ऐसे में भी स्टूडेंट्स का एडमिशन के प्रति घटता रुझान सभी के लिए चिंताजनक है।
डॉ। अलका जायसवाल, एडमिशन कोऑर्डिनेटर