- हेल्थ डिपार्टमेंट ने जिले में अभियान चलाने को तैयार की कार्य योजना

- दो साल पहले मलेरिया के केसेज में प्रदेश में बरेली था अव्वल

बरेली : कोरोना के साथ ही मलेरिया से जंग लड़ने के लिए भी अब हेल्थ डिपार्टमेंट ने तैयारियां शुरू कर दी है। डिपार्टमेंट के अनुसार दो साल पहले की बात करें तो प्रदेश में मलेरिया के केसेज में बरेली पहले स्थान पर काबिज था हालांकि वर्ष 2020 में मार्च से ही कोरोना ने कहर बरपाना शुरू कर दिया था जिस कारण मलेरिया की जांचे प्रभावित हुई थी। हालांकि अभी कोरोना के केसेज दोबारा से बढ़ रहे हैं लेकिन इसके साथ मलेरिया को नजर अंदाज करना भी ठीक नही है। इसलिए कोरोना के साथ मलेरिया की रोकथाम के लिए भी व्यापक रुप से अभियान चलाया जाएगा।

कम हो गई स्क्त्रीनिंग

कोरोना के चलते स्वास्थ्य विभाग मलेरिया पर ध्यान नहीं दे पा रहा है। इस कारण पिछले साल की तुलना में बीमारी की स्क्त्रीनिंग आधी से भी कम रह गई है। वर्ष 2019 में अगस्त माह में ही करीब 39 हजार लोगों की स्क्त्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग ने की थी। वहीं वर्ष 2020 में कोरोना के प्रकोप के चलते करीब 16 हजार लोगों की ही जांच हो पाई है।

तीन ब्लॉक के 114 गांव प्रभावित

जिले में मलेरिया को लेकर पिछले साल में भमोरा, मझगवां, मीरगंज, फरीदपुर, रामनगर, क्यारा, फतेहगंज पश्चिमी के करीब आठ सौ गांव मलेरिया के प्रति संवेदनशील रहे हैं। इस बार अब तक भमोरा, मझगवां और मीरगंज ब्लॉक के गांवों से ही मरीज सामने आए हैं। वहां करीब 114 गांवों को स्वास्थ्य विभाग ने संवेदनशील माना है। वहां लोगों की जांच के लिए विभाग की 54 टीमें लगाई गई हैं।

मलेरिया में जाड़ा लगकर आता बुखार

जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉण् वागीश वैश्य ने बताया कि मलेरिया में जाड़ा लगकर तेज बुखार आता हैए जबकि कोरोना में जाड़ा नहीं लगता और बुखार भी हल्का बना रहता है। जिले में जहां भी मलेरिया फैल रहा हैए वहां लोग ठीक से दवा नहीं खा रहे। स्वास्थ्य विभाग गांवों में आरडीटी किट से जांच कर मरीज को तुरंत दवा दे देती है।

जिले में तीन साल के आंकड़े

वर्ष । मरीज । पीवी । पीएफ

2018 । 37482 । 20057 । 17425

2019 । 46717 । 34576 । 11753

2020 । 3864 । 3339 । 525

पिछले वर्ष कोरोना के चलते स्क्रीनिंग पूरी तरह से प्रभावित रही। हालांकि इसके बाद भी टीमें लगाकर डोर टू डोर सर्वे कराकर लोगों की जांच की गई। मलेरिया के लक्षण होने पर भी लोग कोरोना के डर के चलते जांच नहीं करा रहे थे लेकिन इस वर्ष व्यापक रुप से अभियान चलाने की तैयारी कर ली गई है।

डॉ। देशराज सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी।