डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दो महीने पहले शुरू की गई हेल्प डेस्क पहचान की मोहताज

हेल्प डेस्क के लिए अलग से काउंटर नहीं मिला, मरीजों को नहीं हेल्प डेस्क की जानकारी

BAREILLY:

मरीजों को जानकारी देने के मकसद से शुरू की गई डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की हेल्प डेस्क 'लापता' स्टेटस में है।

हॉस्पिटल में मरीजों के लिए हेल्प डेस्क तो शुरू की गई, लेकिन यह सुविधा मुहैया है। इसकी जानकारी इलाज के लिए आने वाले मरीजों को नहीं। हेल्प डेस्क के लिए न तो हॉस्पिटल में कोई रूम अलॉट है, न ही इसके लिए सेपरेट काउंटर की व्यवस्था है। ऐसे में मरीजों को इससे मिलने वाली सुविधाएं तो दूर, इसके होने तक की जानकारी भी नहीं है।

मरीजों को होती आसानी

जून में प्रदेश के राजकीय हॉस्पिटल्स में मरीजों के लिए हेल्प डेस्क सुविधा की शुरुआत की गई है। बरेली में हेल्प डेस्क में 4 लोगों की तैनाती की गई है, जिनकी ड्यूटी 24 घंटे शिफ्ट में रहती है। हेल्प डेस्क एक ऐसा सोर्स है, जहां से ओपीडी में डॉक्टर्स के केबिन से लेकर पैथोलॉजी, एक्सरे विभाग, ब्लड बैंक, इमरजेंसी वार्ड, पर्चा काउंटर, ऑफिस, सीएमओ ऑफिस और वार्ड की जानकारी देना शामिल होता। हॉस्पिटल में दूर दराज से आए मरीजों को इस तरह की जानकारी के लिए बेहद भटकना पड़ता है।

दो महीने से नहीं मिला ठौर

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हेल्प डेस्क की शुरुआत ही आधी अधूरी तैयारियों के बीच हुई। हेल्प डेस्क को इमरजेंसी वार्ड से सटे एक रूम में स्टैब्लिश करने पर सहमति बनी, लेकिन ईएमओ केबिन के अंदर ही साइड में दो कुर्सी पर हेल्प डेस्क के स्टाफ बैठे रहते हैं। कई बार केबिन में भीड़ ज्यादा होने पर जगह की कमी पर 'हेल्प डेस्क' उठकर बाहर चली जाती है। दो महीने होने को आए लेकिन हेल्प डेस्क के लिए अलग से जगह तो दूर इसके नाम का कोई बोर्ड, बैनर या सूचना देने वाली लिस्ट तक हॉस्पिटल की दीवारों पर चस्पा न हुई।

एंट्री से ही सवाल शुरू

डिविजनल हॉस्पिटल होने के चलते यहां रोजाना औसतन ढाई से तीन हजार मरीजों आते हैं, जिनमें शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत और आंवला तक से मरीज इलाज के लिए आते हैं। सुविधानुसार हॉस्पिटल के एंट्री पर ही अलग अलग वार्ड, ओपीडी, पर्चा काउंटर, ऑफिस व इमरजेंसी वार्ड की जानकारी के लिए बोर्ड व दिशा निर्देश शो होना चाहिए। ऐसा कोई भी बोर्ड न लगने से नए मरीज हॉस्पिटल में कदम रखते ही पर्चा काउंटर व ओपीडी का पता पूछते दिखाई देते है। एक बार पर्चा बन जाने और ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के बाद भी परेशानी खत्म नहीं होती। जांच के लिए पैथोलोजी, एक्सरे का पता पूछने के लिए मरीज हॉस्पिटल में मौजूद अन्य लोगों से मदद लेने को मजबूर रहते हैं।

हेल्प डेस्क का सुझाव खारिज

हॉस्पिटल में हेल्प डेस्क के लिए अलग से केबिन न होने के सवाल पर हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन शासन की ओर से ऐसा कोई निर्देश न मिलने की दलील दे रहा। वहीं हेल्प डेस्क का स्टाफ भी मरीजों को इस सुविधा की जानकारी न होने से हताश है। हेल्प डेस्क के स्टाफ ने हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को हेल्प डेस्क का काउंटर ओपीडी के पर्चा

काउंटर के नजदीक ही खोले जाने का सुझाव दिया। जिससे कि पर्चा लेने के बाद इलाज, जांच व डॉक्टर के केबिन से जुड़ी जानकारी के लिए मरीजों को कहीं भटकना न पड़े। लेकिन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने सुझाव को खारिज कर दिया।

हॉस्पिटल में हेल्प डेस्क इमरजेंसी वार्ड में ही शुरू किया गया है। फिलहाल हेल्प डेस्क को ईएमओ केबिन में ही चलाया जा रहा है। सुबह ओपीडी के समय हेल्प डेस्क स्टाफ ओपीडी में ही रहता है। जगह की कमी के चलते अलग से केबिन या रूम नहंी दे पा रहे - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस