-हाइकोर्ट के आदेश पर एसएसपी ने बनाई दो टीमें, नहीं लगा कोई सुराग

>BAREILLY: वर्ष 1981 में जशोदा की हत्यारोपी हसिया की 35 साल बाद फिर पुलिस तलाश में जुट गई है। हाईकोर्ट ने हसिया का पता लगाकर पेश करने का आदेश दिया है। इसके बाद एसएसपी ने सीओ थर्ड के नेतृत्व में बारादरी इंस्पेक्टर और एसएसआई के अंडर में 5-5 पुलिसकर्मियों दो टीमें गठित की हैं। टीमों ने हसिया के कालीबाड़ी स्थित घर पर दबिश भी दी लेकिन घर पर ताला लगा हुआ था। अब पुलिस उसके रिश्तेदारों के जरिए पता लगाने में जुट गई है।

जमानत पर छूटने के बाद गायब

पुलिस के मुताबिक रामगोपाल की पहली पत्‍‌नी जशोदा की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप कालीबाड़ी बारादरी निवासी रामगोपाल और उसकी दूसरी पत्‍‌नी हसिया उर्फ हंसिया पर लगा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लाठी-डंडों से पीटकर हत्या की बात सामने आई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसमें आजीवन कारावास की सजा भी हुई थी। इस मामले में 1983 में रामगोपाल और हसिया के खिलाफ हाईकोर्ट में वाद दायर किया गया था। जिसमें रामगोपाल और हसिया को जमानत मिल गई थी लेकिन उसके बाद से ही दोनों लापता हो गए थे।

एसएसपी ने मांगी रिपोर्ट

बार-बार वारंट जारी होने पर भी जब दोनो पेश नहीं हुए तो हाईकोर्ट ने बरेली पुलिस को दोनों का पता लगाकर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद एसएसपी ने दो टीमों का गठन किया है। पुलिस को पता चला कि रामगोपाल की मौत हो चुकी है लेकिन हसिया अभी जिंदा है लेकिन वह गायब है। एसएसपी ने 20 जून तक कई प्वाइंट पर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।