- पखवाड़ा समारोह में हिन्दी की दुर्दशा

- तीन दिन कार्यक्रम, बाकी दिन समापन का इंतजार

BAREILLY :

हिन्दी पखवाड़ा में भी हिन्दी अपनी दुर्दशा से नहीं उबर पायी। हिन्दी से दोयम दर्जे का व्यवहार जैसे आदत सी हो गई है। यही वजह है कि पखवाड़ा समारोह के दौरान हिन्दी मान-सम्मान की मोहताज है। इसका एक नजारा बीएसएनएल ऑफिस में देखने को मिला। ऑफिस में हिन्दी पखवाड़ा मनाया जा रहा है, लेकिन अधिकारी हिन्दी को बढ़ावा देने की बजाय प्रोग्राम के समापन का इंतजार कर रहे हैं। हिन्दी की बंद लाइब्रेरी को देखकर इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।

मजाक बना पखवाड़ा

विभाग की ओर से 14 से 28 सितम्बर तक हिन्दी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। अधिकारियों ने हिन्दी पखवाड़े की शुरुआत बड़े जोर-शोर से किया, लेकिन 17 सितम्बर तक आते-आते विभाग का यह जोश ठंडा पड़ गया। शुरुआत के तीन दिन निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता, हिन्दी सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता होने के बाद 6 दिन से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा सके। सबसे अजीब बात यह है कि जब इस संबंध में अधिकारियो से बात करी गयी, तो उनका जवाब था कि अंदरूनी कार्य चल रहा है। यह अंदरुनी कार्य क्या है यह तो अधिकारी ही जानें।

सीढि़या बयां कर रही तस्वीर

बीएसएनएल ऑफिस में हिन्दी लाइब्रेरी भी बनायी गयी है। करीब 17 साल पहले इस लाइब्रेरी के बनाने के पीछे कर्मचारी और अधिकारी में हिन्दी प्रेम जगाना था। लाइब्रेरी में हिन्दी साहित्य, अनुवाद, उपनिषद, वेद व पुराण से जुड़ी एक हजार से अधिक साहित्यिक किताबें हैं, लेकिन इसकी स्थिति काफी दयनीय है। लाइब्रेरी की सीढि़यां और उसके गेट पर गंदगी यह बताने के लिए काफी है कि लाइब्रेरी की कोई पूछ नहीं है। हां एक बात है, जब दोपहर में घड़ी की सुई डेढ़ बजाती है, तब इस लाइब्रेरी का ताला खुलता है। वह भी लंच करने के लिए।

गवर्नमेंट करती है मदद

राजभाषा सदन पुस्तकालय एवं वाचनालय में पिछले चार साल से कोई नई किताब नहीं मंगाई गई हैं। जबकि किताब और लाइब्रेरी मेंटेन करने के लिए गवर्नमेंट की ओर से डिपार्टमेंट को हर साल पैसे मिलते हैं। गवर्नमेंट हर साल 10,000 रुपए देती है। बावजूद इसके हिन्दी लाइब्रेरी की उपेक्षा की जा रही है। हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए बनायी गई राज्य भाषा क्रियान्वयन नाम की समिति भी अपनी जिम्मेदारियां भूल बैठी है।

हिन्दी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। 17 तक विभागीय कर्मचारियों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं भी करायी गयी है। अब 28 को समापन पुरस्कार वितरण किया जाना है।

दीपक पाठक, हिन्दी अधिकारी, लाइब्रेरी, बीएसएनएल