-नियमों को ताक पर रखकर कर रहे हैं पेरेंट्स से अवैध वसूली
>BAREILLY
बुक्स, यूनीफार्म और फीस के नाम पर सिर्फ इंग्लिश मीडियम स्कूल्स ही नहीं पेरेंट्स को लूट रहे हैं, बल्कि हिन्दी मीडियम स्कूल्स भी इस दौड़ में शामिल हैं। हिन्दी मीडियम स्कूल संचालक फीस रसीद में हेरफेर कर खूब कमाई कर रहे हैं। स्कूल संचालक गाइडलाइन को अनदेखा कर रहे हैं। पेरेंट्स को जो रसीद दी जा रही है। उसमें किसी भी मद का जिक्र नहीं किया जा रहा है। जबकि नियम के मुताबिक मदों का जिक्र करना जरूरी हाेता है।
अनदेखी का उठा रहे फायदा
डिफेंस कॉलोनी स्थित श्रीमती जीडी मेमोरियल स्कूल और न्यू मॉडल कॉलोनी के विशाल कन्या इंटर कॉलेज की ओर से स्टूडेंट्स को फीस जमा करते वक्त दी गई रसीद इसका प्रमाण है। इन दो कॉलेजों ने स्टूडेंट्स को जो रसीद दी है। उसमें किस मद में कितनी फीस ली जा रही है। इसका उल्लेख नहीं किया है। यह दो केस तो बानगी हैं। ऐसे तमाम स्कूल हैं जो रसीद में मदों का जिक्र न करके वसूली कर रहे हैं।
स्पोर्ट्स फीस पर लगाई रोक
शासन ने एडेड और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजेज पर स्टूडेंट्स से फीस वसूली पर रोक लगा रखी है। क्योंकिं कॉलेज संचालक इस मद के नाम पर स्टूडेंट्स से अच्छी खासी मोटी रकम वसूलते हैं। जबकि स्पोर्ट्स के नाम पर न तो स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जाती है न ही कॉलेज संचालक स्पोर्ट्स कराते हैं।
इन मदों का होना चािहए उल्लेख
-ट्यूशन फीस
-जलपान फीस
-कम्प्यूटर फीस
-स्पोर्ट्स फीस
-लैब फीस
-लाइब्रेरी फीस
-पार्किंग फीस
-एक्टिविटी फीस आदि।
अधिकांश स्कूल संचालक फीस रसीद में हेरफेर करते हैं। वह स्टूडेंट्स से वसूली जाने वाली धनराशि का विवरण उन्हें नहीं देते हैं, जोकि गलत है। ऐसे स्कूल संचालकों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।
गजेन्द्र कुमार, डीआईओएस