- तिरंगे के अपमान पर गृह मंत्रालय बना लापरवाह

- जबकि, तिरंगे का अपमान फिल्म स्टार से लेकर मंत्री तक कर चुके है

BAREILLY:

राष्ट्रीय तिरंगा के अपमान को लेकर बरेली के आईटीआई कार्यकर्ता की ओर से पूछे गए एक सवाल पर गृह मंत्रालय का जवाब चौंकाने वाला है। मंत्रालय ने इस संबंध में अपने यहां एक भी ऐसा मामला रजिस्टर्ड न होने की बात कही है। जो कि अपने आप में हैरान करने वाली बात है। जबकि, मंत्री, फिल्म स्टार से लेकर क्रिकेटर पर भी तिरंगे के अपमान का आरोप लग चुका है। कई लोगों पर तो मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है। लेकिन, इसके बाद भी गृह मंत्रालय इस बात को सिरे से नकार रहा है कि, देश में ऐसा कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है।

तिरंगे को लेकर मांगी थी आईटीआई

आईटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट मोहम्मद खालिद जीलानी ने 8 मार्च 2016 को एक आईटीआई डाली थी। उन्होंने वर्ष 2010 से अब तक राष्ट्रीय ध्वज के अपमान व निरादर के कुल कितने मामले रजिस्टर्ड हुए और दोष सिद्ध हुए व्यक्ति पर क्या कार्रवाई हुए सहित दो सवालों का जवाब मांगा था। लेकिन, इस आईटीआई के जवाब में मंत्रालय का जवाब था कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के उल्लंघन के लिए पंजीकृत मामलों का कोई समेकित रिकॉर्ड इस मंत्रालय में नहीं रखा जाता है। हालांकि, मंत्रालय ने तिरंगे के अपमान पर सजा व जुर्माना या एक साथ दोनों के प्रावधान होने की बात स्वीकारी है।

कब-कब हुआ तिरंगे का अपमान

- 18 अक्टूबर 2010 में पूर्व सांसद हरमोहन सिंह के जन्मदिन पर कानपुर के मचर्ेंट हॉल में तिरंगा बना केक काटा गया। जिसके चलते यूपी के मंत्री शिवपाल सिंह यादव, पूर्व सांसद हरमोहन सिंह और तत्कालीन जिला अध्यक्ष जितेंद्र बहादुर के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई थी।

- सोनिया गांधी के 69 वें जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं ने सिरसा में तिरंगा बना केक काटा था।

- क्रिकेट मैच में पाकिस्तान पर भारत के जीत के बाद अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन के द्वारा पीठ और कंधे पर तिरंगा लपेट कर जश्न मनाने के मामले में गाजियाबाद के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में याचिका दायर हुई थी।

- 2016 बिना किसी राष्ट्रीय शोक के रांची के पहाड़ी मंदिर पर चार दिनों तक झुका हुआ झंडा फहराया गया था।

बॉक्स

- तिरंगा सूत, ऊन, कॉटन, सिल्क या खादी के कपड़े का होगा।

- किसी भी स्थान पर फटा हुआ तिरंगा नहीं फहराया जा सकता है।

- झंडा के फटने या खराब हो जाने की स्थिति में उसे एकांत में नष्ट कर देना चाहिए।

- तिरंगे की भावना का सम्मान करते हुए उसे जलाकर या अन्य तरीकों से नष्ट किया जा सकता है।

- राष्ट्रीय शोक की स्थिति में झंडा झुकाया (आधे में फहराया) जा सकता है।