-लॉकडाउन के चलते लोगों ने आगे बढ़ाई शादी की डेट

-सहालग के सीजन में भी मार्केट से गायब रही रौनक

बरेली:

वेडिंग सीजन की धूम अप्रैल से ही शुरू हो जाती है लेकिन इस बार 23 अप्रैल से ही मुहूर्त थे। अप्रैल और मई में अधिकतर शादियां होती हैं लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से कई लोगों ने शादियां टाल दी। बाजार बंद होने की वजह से शादियों की तैयारी ही नहीं हो सकी। शादियों के मुहूर्त लॉकडाउन में बीत गए क्योंकि बाजार पूरी तरह से बंद थे। ऐसे में कुछ लोग ही 5-10 लोगों की मौजूदगी में विवाह संपन्न कर पाए। अब 1 जून से अनलॉक होने की उम्मीद है, जून में शादी के करीब 10 मुहूर्त हैं।

मिल सकती है अनुमति

दूसरी लहर का कहर अब कम हुआ है और उम्मीद जताई जा रही है कि 1 जून से लॉकडाउन हटाया जा सकता है। इस वर्ष गर्मी के सीजन में कुल 34 शुभ मुहूर्त थे। अब शादियों के लिए जून माह में 10 मुहूर्त ही बचे हैं। अनलॉक होने के बाद भी समारोह में शामिल होने के लिए अधिक लोगों की अनुमित नहीं होगी।

बाजार में रहती थी रौनक

शादी की सीजन में ज्वैलरी, कपड़ा, ब्यूटी पॉर्लर, किराना मार्केट में अधिक रौनक होती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण सबकुछ बंद हो गया जिससे जहां एक तरफ मार्केट से रौनक गायब हुई तो वहीं दूसरी तरफ व्यापार को भी बड़ा झटका लगा। शादी के मुहूर्त के शुरूआती दौर में ही लॉकडाउन लग गया जो अभी भी चल रहा है। लेकिन अब संक्रमण के केसेस कम मिलने से अनलॉक की कुछ उम्मीद जागी है। जिससे मार्केट में फिर से रौनक लौटने की उम्मीद जताई जा रही है।

जुलाई में सिर्फ एक मुहूर्त

बालाजी ज्योतिष संस्थान के पं। राजीव शर्मा र्की मानें तो जून माह में शादियों के लिए 4, 5, 6, 18, 19, 20, 26, 27, 28 एवं 30 जून को ही मुहूर्त है। जबकि जुलाई माह की बात करें तो सहालग का आखिरी शुभ मुहूर्त 3 जुलाई को है। इसीलिए शहर एवं गांव के क्षत्रों में कुछ दिन बाद शादी की रौनक शुरू हो सकती है। हालांकि शादियों में भी लोगों को कोविड प्रोटोकाल फॉलो करना होगा। लेकिन मार्केट ओपन नहीं होने से सामान खरीदने के लिए दिक्कत नहीं उठानी पड़ेगी। 3 जुलाई के बाद चतुर्मास के कारण मुहूर्त नहीं है। फिर नवंबर माह में देवउठानी एकादशी से शहनाई गूंजेगी। हालांकि मार्केट में भीड़ न हो इसके लिए शॉप ओनर्स को भी ध्यान रखना होगा और कस्टमर्स को भी खास कर कोविड गाइड लाइन फॉलो करनी होगी।

दशहरा पर होता अबूझ मुहूर्त

शारदीय नवरात्र के बाद दशहरा पर अबूझ मुहूर्त माना जाता है। अबूझ मुहूर्त में भी कई लोग शादी करते हैं। इस दिन भी शुभ कार्य हो सकेंगे।