- तमंचों व अन्य अवैध असलहों का इस्तेमाल कर लगातार जिले में हो रही है वारदातें

- कार्रवाई के बाद भी पुलिस नही पकड़ पाती अवैध शास्त्र के सप्लायर

बरेली। प्रधानी चुनाव हो या जमीनी विवाद में रंजिश, हत्या व अन्य वारदातों में तमंचे धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे हैं। पुलिस आरोपियों को पकड़कर आला कत्ल बरामद भी कर ले रही है। लेकिन तमंचा बनाने और बेचने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं होती। यही वजह है कि खुराफाती धड़ल्ले से तमंचा का इस्तेमाल कर दहशत फैला रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में जिले में पुलिस ने कई अवैध असलहे पकड़े और कई लोगों को जेल भी भेजा, इसके बावजूद इन अवैध असलहों का इस्तेमाल कम नहीं हो रहा। ऐसे में पुलिस की सख्ती और कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

सिर्फ तमंचे में कार्रवाई, पूछताछ कुछ नहीं

पंचायत चुनाव के दौरान या किसी विशेष अभियान के दौरान जिले में कई बार तमंचे-बंदूक बनाने की अवैध फैक्ट्रियां पकड़ी जा चुकी हैं। मगर आपराधिक वारदातों में लगातार तमंचों का इस्तेमाल पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहा है। हाल ही में कई वारदातें हुई हैं, जिनमें तमंचों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने कई आरोपियों को तमंचा समेत गिरफ्तार भी किया लेकिन उसने तमंचा किससे खरीदा, इस बारे में न तो पूछताछ हुई और न ही कोई कार्रवाई। यही वजह है कि आपराधिक वारदातों में धड़ल्ले से तमंचे का इस्तेमाल हो रहा है।

2000 में तमंचा 3000 में बंदूक

पिछले दिनों एसटीएफ ने अलीगढ़ से सीतापुर तमंचों की सप्लाई देने जा रहे सीतापुर के मुल्लू मौर्य और प्रहलाद को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 35 तमंचे बरामद हुए थे। इन आरोपियों ने बताया था कि वे लोग 1500-2000 में तमंचा और 3000 में बंदूक बनाकर बेच देते थे। यहां जिले में भी ऐसे कई सप्लायर हैं, लेकिन पुलिस की नजर उन पर नहीं पड़ती। शहर में बारादरी और कैंट क्षेत्र अवैध असलहों की सप्लाई के बड़े अड्डे हैं, लेकिन पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं करती।

हाल की इन वारदातों में प्रयुक्त हुए तमंचे

- नवाबगंज में बीडीसी सदस्य गुलशन अली और उनके छोटे भाई हैदर अली की तमंचों से फायरिंग करके हत्या की गई। आरोपी पकड़े गए लेकिन तमंचा कहां से लाए पता नहीं।

- कैंट के गांव परगवां में प्रधान इश्हाक की हत्या के मामले में पुलिस ने दो तमंचे बरामद किए लेकिन आरोपियों ने नहीं बताया कि तमंचे कहां से लाए।

- भोजीपुरा के कस्बा धौराटांडा में दो पक्षों में फायरिंग के मामले में भी दो तमंचे बरामद किए गए लेकिन पुलिस ने यह पता लगाना जरूरी नहीं समझा कि तमंचे कहां से आए।

- नवाबगंज में कुछ दिन पहले जमीन के विवाद में एक किसान की पांच लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर आला कत्ल भी बरामद किया। लेकिन यह पता नही लगा सकी कि आरोपी तमंचा कहां से लाए थे।

हाल में हुई कार्रवाई

पकड़े गए असलहे - 132

गिरफ्तार अभियुक्त - 156

पकड़ी गई असलाह फैक्ट्री - 12

अवैध असलहे बनाने वालों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। आरोपी को पकड़कर असलहों की भी जानकारी ली जाती है। लगातार ऐसे लोगों को ट्रेस किया जा रहा है, जोकि इन अवैध असलहों की सप्लाई या खरीद फरोख्त करते हैं।

रोहित सिंह सजवान