-जिला प्रशासन- बैंक से आईएमए भवन में मोबाइल वैन लगाने की अपील

-मरीजों को ही मिलेगा कैश, तीमारदार दस्तावेज दिखा निकाल सकेंगे पैसे

BAREILLY:

मेडिकल हब बरेली में निजी हॉस्पिटल्स के बैन करेंसी के दौरान मरीजों का इलाज करने के लिए 500-1000 के नोट न लिए जाने के मामलों को आईएमए ने गंभीरता से लिया है। आईएमए ने दूर-दराज के एरिया से शहर आने वाले मरीजों की मदद के लिए उन्हें 100-50 व 2000 की करेंसी मुहैया कराने की योजना तैयार की है। जिससे शहर आ रहे मरीज करेंसी के न होने पर दवा-इलाज के लिए भटकने को मजबूर न हो। इसके लिए आईएमए की ओर से आईएमए भवन में कैश मोबाइल वैन की व्यवस्था करने के लिए जिला प्रशासन और शहर के बड़े बैंक्स को लेटर लिखने की तैयारी की गई है।

सुर्खियों से लिया फैसला

नोट बंदी के केन्द्र सरकार के आए फैसले के बाद प्रदेश सरकार ने सभी निजी हॉस्पिटल्स में भी मरीजों से इलाज के लिए 500-1000 के नोट लिए जाने के आदेश जारी किए थे। हालांकि बैन करेंसी लिए जाने पर कंफ्यूजन रहा, लेकिन आईएमए ने मरीजों के हित में निजी हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम्स में बैन करेंसी लिए जाने का फैसला लिया, लेकिन पिछले दिनों शहर के दो हॉस्पिटल में करेंसी के लिए मरीजों का इलाज न होने व इसमें एक बच्चे की मौत के मामले ने आईएम की साख पर सवाल लगा दिए। ऐसे में आईएमए ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए शहर के निजी हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम्स को भी नए सिरे से एडवाइजरी जारी करने का फैसला ि1लया है।

सिर्फ मरीज को िमलेगा कैश

आईएमए ने खुद से रजिस्टर्ड डॉक्टर्स को अपने निजी हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम्स में कार्ड स्वाइप व चेक के जरिए भी मरीजों से इलाज के पैसे लिए जाने का आदेश जारी किया है। आईएमए डीएम व बैंक्स के ब्रांच मैनेजर्स को लेटर भेज रहा है। जिसमें आईएमए भवन के पास तय समय के लिए मोबाइल कैश वैन की व्यवस्था करने की मांग की जा रही। इस मोबाइल वैन से सिर्फ मरीजों को ही तय सीमा तक नकद भुगतान होगा। डॉक्टर्स के लिखे पर्चे पर और हॉस्पिटल के मरीज से जुड़े दस्तावेज दिखाने वालों को ही इस सुविधा का फायदा मिलेगा।

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मरीजों का इलाज करने को निजी हॉस्पिटल्स के लिए एडवाइजरी फिर जारी होगी। डीएम व बैंक्स से आईएमए में मोबाइल कैश वैन की व्यवस्था करने की मांग रखी जा रही है। जिसका फायदा सिर्फ मरीजों को ही मिले।

- डॉ। जेके भाटिया, प्रेसीडेंट, आईएमए