-डीआईजी ने कई मामलों में पकड़ा खेल, बिना बंदूक और गोली बरामद के दर्ज हो रहे 307 की धारा में एफआईआर

>BAREILLY:

बरेली पुलिस आईपीसी की धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज करने में लापरवाही और खेल कर रही है। लापरवाही ऐसे कि शिकायत मिलने पर जांच, हथियार या कारतूस की बरामदगी किए बिना ही धारा 307 यानि गैर इरादतन का केस दर्ज कर ले रही है। जबकि कई केस में गैर इरादतन हत्या होने के बावजूद हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर देती है। इस तरह के कुछ मामले सामने आने के बाद डीआईजी आशुतोष कुमार ने लीगल अधिकारियों के साथ मीटिंग उनसे रायशुमारी की और थानेदारों को निर्देश दिया कि केस दर्ज करने में लापरवाही की तो कार्रवाई की जाएगी।

कई मामलों में की लापरवाही

दरअसल कई बार दो पक्षों में विवाद के एक पक्ष के लोग दूसरे पक्ष पर जान से मारने की नियत से फायर करने का आरोप लगाते हैं। ऐसे मामले में पुलिस बिना जांच किए ही आईपीसी की धारा 307 में मुकदमा दर्ज कर लेती है। जैसा कि पुलिस ने प्रेमनगर में लल्ला मार्केट में फायरिंग मामले में किया। पुलिस ने बिना जांच किए मुकदमा दर्ज कर लिया। जबकि जांच में ट्रांसफार्मर की आवाज की बात सामने आई। वहीं फरीदपुर के एक मामले में आईओ ने आरोपी को 307 की धारा में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन न तो हथियार की बरामदगी की और न ही कोई कारतूस मिला। यही नहीं कई मामलों में शरीर में छर्रे लगे होने के बावजूद भी पुलिस ने चाकू या अन्य घाव बताकर 324 या 325 में ही मुकदमा दर्ज किया।

जमानत भी नहीं होती आसानी से

पुलिस की लापरवाही और खेल सामने आने के बाद डीआईजी ने ट्यूजडे को लीगल अधिकारियों को बुलाकर मीटिंग की। उन्होंने राय ली तो बताया गया कि 307 के मामलों में गड़बड़ी मिल रही है। जिससे मुल्जिमों को भी फायदा मिल रहा है और वे आसानी से छूट रहे हैं। जबकि 307 की धारा तभी लगाई जा सकती है जब इरादा हत्या करने का हो। इसके अलावा किस हथियार से गोली चलाई गई उसकी भी बरामदगी की जाए। यही नहीं 307 की धारा में मुकदमा दर्ज करने पर आसानी से जमानत नहीं होती है और सजा भी अधिक होती है जबकि 324 और 325 की धारा में मुकदमा करने पर आरोपी आसानी से छूट जाता है। जिसके बाद ही डीआईजी ने सभी थानों को निर्देश जारी किया है। इस खेल को रोका जाए।

आईपीसी की धारा 307 के तहत मुकदमें दर्ज करने के मामले में गड़बड़ी सामने आई हैं। लीगल अधिकारियों से मीटिंग करने के बाद सभी थाना प्रभारियों जांच कर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

आशुतोष कुमार, डीआईजी बरेली