-एडीएम सिटी के सामने किसानों ने रखी अपनी मांगे

-आज डीएम के साथ होगी मीटिंग, बात नहीं बनी तो सुसाइड की चेतावनी

BAREILLY: बड़ा बाईपास जमीन अधिग्रहण को लेकर 600 किसानों की प्रशासन से बात बनती दिख नहीं रही है। सैटरडे को कलेक्ट्रेट में एनएचएआई के अधिकारियों के साथ मीटिंग में किसानों ने एडीएम सिटी के सामने अपनी मांगों को रखा लेकिन डीएम के कमिश्नर की मीटिंग में बिजी होने के चलते कोई भी समाधान नहीं निकल सका। एक बार फिर से संडे को किसानों को कलेक्ट्रेट बुलाया गया है। डीएम के सामने किसान अपनी मांग रखेंगे और मुआवजे को लेकर बात बनी तो ठीक नहीं तो फिर 12 जून को करीब 600 किसान बड़ा बाईपास पर लेटकर प्रदर्शन करेंगे और अपनी जान दे देंगे। किसानों की चेतावनी से प्रशासन पूरी तरह से मामले को निपटाने के प्रयास में जुट गया है। किसानों का आरोप है कि मुआवजा न मिलने से परेशान 20 किसानों की एक-एक करके जान चली गई है।

4 वर्ष से लड़ रहे जंग

अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में बड़ा बाईपास के किनारे बसे बिलवा, अहलादपुर, पालपुर, बिथरी चैनपुर समेत करीब तीन दर्जन गांवों के 600 किसान मुआवजे को लेकर 4 वर्ष से जंग लड़ रहे हैं। संगठन की अध्यक्षता हरिनंदन पटेल कर रहे हैं। किसानों ने कम रकम होने के चलते मुआवजा लेने से इनकार कर दिया था। बड़ा बाईपास के निर्माण पर किसानों को 25 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर जमीन के हिसाब से मुआवजा एनएचएआई की ओर से दिया गया था। आसपास के गांवों के 1900 किसानों ने मुआवजा ले लिया था, लेकिन 600 किसान सर्किल रेट के आधार पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा न मिलने पर किसानों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया था। उसके बाद एवार्डी के तहत मुआवजा की राशि काफी कम हो गई थी। किसानों ने डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में केस डाला था, जहां मामला अभी चल रहा है।

ट्यूलिया-धनतिया के बराबर मिले मुआवजा

पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर से किसान मुआवजे को लेकर अड़ गए हैं और चेतावनी दी है कि सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा नहीं मिला तो 12 जून को किसान सामूहिक आत्महत्या करेंगे। जिसके बाद से ही प्रशासन बीच का रास्ता निकालने में जुट गया है। इसी के चलते सैटरडे को किसानों को कलेक्ट्रेट में मीटिंग में बुलाया गया था। मीटिंग में एडीएम सिटी, एसडीएम सदर, एसएलओ, एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। किसानों ने मांग रखी कि उन्हें ट्यूलिया और धनतिया के किसानों को मिले मुआवजा के बराबर मुआवजा दिया जाए। यह मुआवजा एनएचएआई ने ही दिया है। यहां के किसानों को करीब 1 करोड़ 70 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर के मुआवजा दिया गया है।

अलग-अलग रेट पर दिया मुआवजा

किसानों का आरोप है कि कुछ किसानों को वर्ष 2008-09 और कुछ को वर्ष 2013-14 के सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा दिया गया है। कुछ गांवों के किसानों को वर्ष 2009 के न्यूनतम सर्किल रेट 33 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से भी कम 25 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से मुआवजा दिया गया तो कुछ किसानों को न्यूनतम सर्किल रेट 20 लाख, 10 लाख और 40 लाख से दो गुना या तीन गुना 61 से 70 लाख प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा दिया गया।

बड़ा बाईपास के किसान मुआवजे को लेकर मांग कर रहे हैं। कलेक्ट्रेट में मीटिंग में किसानों ने अपनी मांगें रखी हैं। संडे को डीएम के साथ मीटिंग में किसानों के मुआवजे का हल निकाला जाएगा।

ओपी वर्मा, एडीएम सिटी