-बिछड़ने के बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट थी महिला और बच्चे

-काउंसलर शैलेश के प्रयास से मिला बिछड़ा हुआ परिवार

BAREILLY: रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने जौनपुर से भदोही निकली महिला अपने दो बच्चों के साथ गलत ट्रेन में बैठकर बरेली पहुंच गई। बीमार होने के चलते उसे व उसके बच्चे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। वह दो बार हॉस्पिटल से चुपचाप बाहर भी निकली लेकिन फिर से हॉस्पिटल में एडमिट करा दी गई, लेकिन अपने घर नहीं पहुंच सकी। जब काउंसलर शैलेश को पता चला तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस से मदद न मिलने पर उन्होंने वाराणसी में अपने दोस्त से संपर्क किया और उसके पति को जानकारी दी। थर्सडे को पति बरेली आया और परिवार मिला तो काफी खुश हुआ। सभी बाद में ट्रेन से घर रवाना हो गए।

काउंसलिंग में बताया पता

मनोसमर्पण मनोसामाजिक सेवा समिति के अध्यक्ष काउंसलर शैलेश शर्मा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एक महिला आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है जो अपने घर नहीं पहुंच पा रही है। वह हॉस्पिटल पहुंचे और महिला से बात की। महिला ने बताया कि उसका नाम सुनीता है। वह जौनपुर के बुडहंसापुर, मछली शहर की रहने वाली है। उसका मायका धनसोई राजपुर में है। उसके पति का नाम संतोष है।

4 अगस्त को निकली थी घर से

सुनीता ने बताया कि वह 4 अगस्त को अपने मायके भाई को राखी बांधने के लिए 6 वर्षीय बेटी शिवानी और 22 माह के बेटे अंश के साथ निकली थी। वह गलती से गलत ट्रेन में बैठ गई और बरेली रेलवे जंक्शन पर पहुंच गई। इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई तो उसे एंबुलेंस से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। उसका बच्चा कुपोषित था तो उसे बच्चा वार्ड में भर्ती करा दिया गया। जब वह मायके नहीं पहुंची तो घरवालों ने उसकी तलाश की। सुनीता के बताने पर शैलेश ने भदोही पुलिस से संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने अपने दोस्त मनोवैज्ञानिक मनोज से संपर्क किया। थर्सडे को ग्राम प्रधान प्रमोद यादव, सुनीता के पति को साथ लेकर बरेली पहुंचा।