-21 दिवसीय समर स्कूल की शुरुआत, 12 स्टेट्स से शिरकत कर रहे हैं वैज्ञानिक शिक्षक

-पशुओं पर मेटालिक पॉल्यूटेंट के असर पर हुई चर्चा

BAREILLY:

आईवीआरआई में ख्क् दिवसीय समर स्कूल का आयोजन किया गया है। इस स्पेशल स्कूल में देश के क्ख् राज्यों के ख्ब् शिक्षक भाग ले रहे हैं। वेडनसडे को ऑर्गनाइज प्रोग्राम में पशुओं के स्वास्थ्य पर पड़ रहे मैटालिक पदार्थो के असर पर चर्चा की गई। ये कार्यक्रम मेटल पॉल्यूटेंट्स इन इंवायरंमेंट, इफेक्ट्स ऑन एनीमल एंड मिटिगेशन सब्जेक्ट पर आधाि1रत रहा।

पर्यावरण में घुला जहर

सुख-सुविधा, औद्योगिकीकरण एवं परिवहन व्यवस्था के लिए इस्तेमाल किए जा रहे धातु के प्रदुषणकारी तत्वों से जानवरों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। आईवीआरआई के डायरेक्टर व कुलपति डा। राजकुमार सिंह ने समर स्कूल के उद्घाटन के अवसर पर ये बात कही। इस विषय पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कई वैज्ञानिक शिक्षकों ने पशुओं में इसके चलते पैदा हो रहे रोंगों की जानकारी दी। इस मौके पर समर स्कूल के पाठ्यक्रम निदेशक एवं औषध विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डा। सहदेव डे ने भारत में चेतावनी स्तर पर पहुंच चुके प्रदूषण पर चिंता जताते हुए जल्द रोकथाम की बात कही।

हर्बल औषधियों से की जाए रोकथाम

पॉल्यूटेंट मेटल से जानवरों में हो रहे रोगों के निदान के लिए निदेशक डा। राजकुमार सिंह ने हर्बल औषधियों के इस्तेमाल को बढ़ाने पर जोर दिया। अभी तक इसके निदान के लिए सिर्फ सिंथेटिक औषधियों का ही ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मौके पर औषध विभाग के एचओडी डा। उमेश डिमरी ने विभाग ने इन रोगों के निदान के लिए प्रोबायोटिक निदान पद्धति के सफल परिणामों पर भी चर्चा की।