- बाल विशेषज्ञों के मुताबिक पौष्टिक आहार की कमी से नहीं बन पाते कई आवश्यक हार्मोन

- हार्मोन डिस्टर्बेस से लड़कों में नौजवानी से दूरी, लड़कियों के चेहरे पर बाल आने की संभावना

BAREILLY:

केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कुपोषण को खत्म करने के लिए चलाई गई तमाम योजनाओं के बावजूद भी कुपोषण का खात्मा नहीं हो पा रहा है। जिससे कुपोषित पीडि़त की नौजवानी भी खतरे में पड़ गई है। यह संभावना बाल विकास एवं महिला आयोग की ओर से जताई गई है। गौरतलब है कि बरेली में वजन दिवस के तहत जारी रिपोर्ट के मुताबिक अतिकुपोषित बच्चों की संख्या करीब 28 हजार है।

अतिकुपोषित में दिखा असर

कुपोषित बचपन सीधे बुढ़ापे की दहलीज पर कदम रखेगा। जारी रिपोर्ट में तथ्यों के साथ किए गए दावे ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में कुपोषित बच्चों की संख्या करीब 40 लाख के करीब है। वहीं करीब 28 परसेंट बच्चे ही पोषण पुनर्वास केंद्रों तक पहुंचे हैं। केंद्रों पर भर्ती बच्चों के इलाज के दौरान उनमें जवानी में बनाने वाले हार्मोन का अभाव दिखाई दिया। करीब 20 परसेंट अतिकुपोषित बच्चों में हार्मोन के नदारद होने की पुष्टि की गई।

आखिर क्या है वजह

बाल विशेषज्ञों के मुताबिक कुपोषण का अर्थ पौष्टिक आहार की शरीर में कमी होना है। जिसकी वजह से शरीर की इम्युनिटी कम हो जाती है। इससे बीमारियों से लड़ने की कैपेसिटी बॉडी में खत्म हो जाती है। बीमारियां ग्रोथ हार्मोन को प्रभावित करती हैं। मस्तिष्क के पिट्यूरी ग्लैंड में ग्रोथ हार्मोन का निर्माण करीब 8 वर्ष की उम्र तक होता है। ग्रोथ हार्मोन को प्रभावी बनाने में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अहम रोल होता है। इन तत्वों की कमी होने से ग्रोथ हार्मोन प्रभावी नहीं हो पाते।

लड़कियों के चेहरे पर होंगे बाल

एक्सपर्ट के मुताबिक अतिकुपोषित हार्मोनल डिस्टर्बेस की वजह से लड़कियों के चेहरे पर अनचाहे बाल निकल सकते हैं। दरअसल, कुपोषित बच्चियों में कार्टेनल हार्मोनल डिस्टर्बेस बढ़ रहा है। जिसकी वजह से यह उनमें यह प्रॉब्लम बढ़ने की संभावना है। बता दें कि कार्टेनल हार्मोन का स्त्राव पुरुषों में 15 वर्ष की उम्र में शुरू होता है। जिसकी वजह से उनमें दाढ़ी मूंछ निकलती है। जबकि कुपोषण का शिकार लड़कियों में हार्मोनल डिस्टर्बेस होने से सुप्तावस्था में पड़ा हुआ कार्टेनल प्रभावी होने लगता है।

बाल विकास एंव महिला आयोग की रिपोर्ट में सामने आया है कि अतिकुपोषित बच्चों में हार्मोनल डिस्टब्रेंस की वजह से कई प्रॉब्लम हो रही है।

बुद्धि मिश्रा, डीपीओ

बच्चों की बॉडी में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से ग्रोथ हार्मोन नहीं बन पाते। जिससे बच्चे नौजवानी से दूर और बुढ़ापे की जद में जल्दी आ जाएंगे।

डॉ। रवि खन्ना, चाइल्ड स्पेशलिस्ट