स्टॉक क्लीयर होने के बाद लागू होंगे नए रेट

15 अगस्त से मंहगे हो जाएंगे इलाज और उपकरण

BAREILLY

भारत सरकार द्वारा देश में जीएसटी लागू करने के बाद कई फायदे हुए तो कुछ नुकसान भी हुए हैं। सभी जगह मौजूदा स्टॉक को खत्म किया जा रहा है। इसलिए इसका असर दिखाई नहीं दे रहा, लेकिन स्टॉक खत्म होने के बाद नया स्टॉक आने पर नई दरों के साथ इलाज और उपकरणों की खरीदा व बेचा जाएगा। ऐसे में जीएसटी का सबसे बुरा असर मरीजों पर ही पड़ने वाला है। 15 अगस्त के बाद जीएसटी का असली असर दिखाई पड़ेगा।

15 अगस्त के बाद दिखेगा साइड इफेक्ट

इलाज में काम आने वाले जरूरी उपकरणों के साथ जांच भी मंहगी होने जा रही हैं। सरकार ने जीएसटी लागू करने के साथ ही 15 अगस्त तक सभी उपकरण और जांचों को पुराने रेट पर ही करने के आदेश दिए थे। अब जब 15 अगस्त में कुछ ही दिन बाकी हैं ऐसे में सभी मेडिकल उपकरण विक्रेता अपने स्टॉक को जल्द से जल्द निपटाने में लगे हुए हैं।

जरूरी उपकरणों हो जाएंगे मंहगे

दिल की बीमारी में यूज होने वाले पेसमेकर जीएसटी लगने के बाद 20 हजार रूपये मंहगा मिलेगा। डायलिसिस जैसी जीवन रक्षक प्रणाली के लिए मरीजों को 40 हजार सालाना खर्च करना होगा। आंखों के लेंस पर भी मंहगाई की मार पड़ने वाली है। नए रेट पर आंखों के लेंस 500 से 1000 रूपये महंगे हो जाएंगे।

पहले सिर्फ लगता था वैट

अभी तक इलाज में प्रयोग होने वाले उपकरणों और जांच कराने में सिर्फ 5 से 9 प्रतिशत तक ही वैट लग रहा था। जो जीएसटी लगने के बाद बढ़कर 5 प्रतिशत से 28 प्रतिशत तक लगने वाला है। मेडिकल उपकरणों पर खासतौर पर 12 से 28 प्रतिशत तक जीएसटी लग रहा है। जिसकी वजह से बेसिक उपकरण भी मंहगे हो जाएंगे।

कुछ प्रमुख उपकरणों पर लगने वाले जीएसटी का डाटा-

प्रोडक्ट प्रतिशत

नेबुलाइजर - 12

बीपी मॉनिटर - 12

ब्लड ग्लूकोज मीटर - 12

एयर बेड फॉर बेड सोरस - 12

आक्सीजन कॉन्सेंटयर्स - 12

ईसीजी मशीन - 12

वेंटिलेटर डिजीटल थर्मामीटर - 18

नॉन कांटेक्ट थर्मा मीटर - 18

निडल्स सिरेंज - 12

निप्पल फॉर फीडिंग बोतल - 12

डिजीटल वैगिंग स्केल - 28

वैगिंग मशीन मैन्युअल - 18

बेल्ट्स आर्थोपेडिक - 12

आक्सीजन मास्क - 12

हॉट वाटर बोतल - 18

व्हील चेयर - 05