बरेली(ब्यूरो)। आईएमए सीजीपी ने स्टेशन रोड स्थित होटल में बुधवार को गोष्ठी का आयोजन किया। सीजीपी अध्यक्ष डॉ। रवीश अग्रवाल ने बताया कि गोष्ठी का विषय अपच है, इस में मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ। सुदीप सरन रहे। डॉ। सुदीप ने बताया कि तनाव भरे जीवन में 60- 70 पर्सेंट पब्लिक एसीडिटी या पेट में अत्याधिक तेजाब बनना, सीने में जलन की समस्या का शिकार हैैं।

ये हैैं एसिड बनने के मुख्य कारण
-अत्यधिक मानसिक तनाव
-बिगड़ी हुई दिनचर्या
-रात को देर तक जागना और सुबह देर से उठना
-विकृत भोजन शैली
-अधिक मिर्च, मसाला, तेल और घी का प्रयोग
-बढ़ता हुआ मोटापा
-अत्यधिक मदिरापान, धूम्रपान, तंबाकू का सेवन तेजाब बनने की समस्या को बढ़ाते हैं

ये होते हैं लक्षण
पेशेंट्स को सीने में जलन, खट्टी डकार, खाना लौटकर मुहं में आना, पेट के उपरी हिस्से में दर्द, बार बार शौच को जाना इत्यादि लक्षण होते हैं। अधिक तेजाब बनने से लगातार खांसी की परेशानी भी हो सकती है। साथ ही खून की कमी भी हो सकती है ।

क्या है उपचार
एक्सपर्ट बताते हैैं कि दवाओं से बेहतर है कि अधिक तेजाब बनाने वाले कारणों पर ध्यान देकर जीवन-शैली में सुधार करें। सात्विक भोजन लें, मांसाहारी भोजन का त्याग करें, अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, कार्बोनेटिड सॉफ्ट ड्रिंक ना लें।

यह भी जानें
दूध का सेवन एसिडिटी को कम करता है। एसिडिटी कम करने की दवाएं चिकित्सक के परामर्श से ही लें, क्योंकि इन दवाओं के लंबे समय तक सेवन से साइड इफेक्ट भी होते हैं। आवश्यकता पडऩे पर अल्ट्रासाउंड व एंडोस्कोपी कराई जा सकती है। इस दौरान डॉ। अनूप आर्य, डॉ। जेके भाटिया, डॉ। आरके भारद्वाज, डॉ। वागीश वैश्य, डॉ। फुलेरा, डॉ। अनिल रावत, डॉ। राजेंद्र कुमार, डॉ। विपिन वाष्र्णेय, डॉ। विवेक सक्सेना आदि उपस्थित रहे।