- शासनादेश के तहत अब विधायक दस लोहिया आवास अपनी विधानसभा में बनवा सकेंगे

- प्रस्ताव मिलते ही डीआरडीए कराएगा सत्यापन, पहली बार विधायकों को मिला अधिकार

BAREILLY: अपनी विधान सभा में गरीबों को आवास देने की मंशा रखने वाले विधायकों को अब प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह योजना पहली बार लागू हुई है। जिसके जरिए प्रदेश सरकार माननीयों का मान उनकी विधानसभाओं में बढ़ाने का निर्णय लिया है। शासनादेश के तहत विधायक अपने क्षेत्र में गरीबों के दस आवास बनवा सकेंगे। उनकी ओर से आने वाले प्रस्तावों का सत्यापन होगा और संबंधित लोगों को लाभ देना होगा।

पहली बार हुई व्यवस्था

लोहिया आवास योजना के अंतर्गत अब तक समग्र गांवों में आवास बनते थे। जबकि इस बार आवंटन अन्य ग्राम पंचायतों में भी किया गया। इसी बीच सरकार ने आदेश जारी कर दिए कि आगे से एक विधायक अपनी विधानसभा में दस गरीबों के लिए लोहिया आवास बनाने की संस्तुति कर सकता है। एक आवास के लिए 1.37 लाख रुपए लाभार्थी को मिलेंगे। प्रस्ताव पर डीआरडीए सत्यापन कराएगा। 3 माह में आवास बनाना होगा। आदेश आने के बाद डीआरडीए ने माननीयों से इसके प्रस्ताव मांगे हैं।

जनेश्वर मिश्र में बनेंगे आवास

लोहिया आवास समग्र ग्रामों के अलावा अब जनेश्वर मिश्र गांवों में बनाए जा सकेंगे। इसके लिए भी सरकार ने हाल ही में नया शासनादेश पिछले दिनों जारी कर दिया है। अब डीआरडीए इन गांवों में भी पात्रों के चयन की सूची ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से तैयार करवा रहा है। साथ ही, लोहिया गांवों में पात्रता सूची की जांच का कार्य चल रहा है। सत्यापन के बाद रकम जारी होगी।