नॉवेल्टी बस स्टेशन पर फ्राइडे को बंदरों ने मचाया उत्पात, बस के शीशे तोड़े

पिछले दिनों बंदरों के कारण सेटेलाइट बस स्टेशन का बदलना पड़ गया था हेल्प लाइन नंबर

BAREILLY:

सिटी के दोनों बस स्टेशन पर 'बंदर राज' है। ये बात हम नहीं कह रहे हैं , बल्कि यह बात सोलह आना सच है। अभी चंद दिनों पहले ही बंदरों के उत्पात से तंग आकर सेटेलाइट बस स्टेशन पर बस स्टेशन एडमिनिस्ट्रेशन को हेल्प लाइन नंबर बदला पड़ा गया था और अब बंदरों नॉवेल्टी बस स्टेशन पर उत्पात मचाया है। फ्राइडे को नॉवेल्टी बस स्टेशन पर बंदर बसों के अंदर घुस गए। खाने-पीने का सामान उठा ले गए। इतना ही नहीं बस का शीशा तक तोड़ दिया। बंदरों के उत्पात के आगे बस स्टेशन एडमिनिस्ट्रेशन हांफता रहा। किसी तरह बंदरों को बसों से भागने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।

बेखौफ बंदरों का उत्पात

फ्राइडे दोपहर करीब एक बजे आठ-दस की संख्या में बंदरों का झुंड बस स्टेशन पर पहुंच गया। फिर क्या था एक लाइन से लगी बसों में बंदरों ने एंट्री कर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। एक बस में बंदरों ने ड्राइवर्स के सीट के बगल में लगे भगवान की मूर्ति और उस पर चढ़ाया गया फूल नोच डाला। बसों में लगे बैक साइड के शीशे पर खूब जोर-आजमाइश की। बंदरों की जोर-आजमाइश के चलते एक बस का शीशा टूट गया। एक बस में बंदरों ने रखे अखबार फाड़ दिए। हालांकि इस माजरे के बीच खैरियत यह रही है कि बदरों ने किसी पैसेंजर्स को काटा नहीं। हालांकि काफी मशक्कत के बाद बंदरों को भगाया गया। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

हमेशा करते हैं परेशान

परिवहन निगम के अधिकारियों के मुताबिक खिड़की और बंदरों के कारण कई बार बड़ा नुकसान भी हो जाता है। बसों के अंदर बंदर शीशे तोड़ने के अलावा ड्राइवर्स सीट के पास वायर नोंच देते हैं। इतना ही नहीं सीट कवर आदि भी फाड़ देते हैं। इसके चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। याद रहे है कि अभी कुछ दिनों पहले ही बंदरों के उत्पात से परेशान होकर सेटेलाइट बस स्टेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने बेसिक फोन वाले हेल्प लाइन नंबरों के चेंज करके मोबाइल हेल्प लाइन नंबर कर ि1दया था।

थक गया है परिवहन निगम

बंदरों के उत्पात के चलते परिवहन निगम के अधिकारियों ने भी माथा पकड़ लिया है। अधिकारियों के मुताबिक एक निजी एजेंसी के जरिए बदरों को अमरिया जंगल में ले जाकर छोड़ा गया था लेकिन बंदर वापस फिर लौट आए। ऐसे में विभाग को कोई नया उपाय भी नहीं सूझ रहा है। परिवहन निगम बंदरों के उत्पात से थक गया है।

बंदरों ने काफी उत्पात मचाया है। बंदरों से छुटकारा पाने के लिए निजी एजेंसी की हेल्प लेकर उन्हें जंगल में छोड़ा गया था लेकिन बंदर एक बार फिर आ गए। बंदरों के चलते काफी नुकसान होता है।

एसके शर्मा आरएम,