केस वन- वर्ष 2001-02 में विधान मंडल क्षेत्र विकास योजना के तहत स्प्रिंगडेल कॉलेज को 18 लाख रुपए की धनराशि कक्ष निर्माण व फर्नीचर खरीदने के लिए दिए गए थे। लेकिन प्रबंधक ने सरकारी धन का दुरुपयोग करने के बावजूद बिल्डिंग बेचते समय डीआरडीए की अनुमति लिए बगैर बिल्डर को बेच दिया। जांच के दौरान सभी आरोप सत्य पाए जाने पर स्प्रिंगडेल कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ आरसी जारी की गई है।

केस टू - पिछले दिनों सांसद संतोष गंगवार की निधि से अवंतीबाई लोधी मांटेसरी स्कूल के प्रबंधक द्वारा झूठा शपथ पत्र देकर 2.5 लाख रुपए ऐंठने का खुलासा हुआ। वर्ष 2001 में जारी हुई निधि के मामले की जांच एसडीएम सदर ने की थी। संबंधित कॉलेज प्रबंधक ने कमरा निर्माण के लिए रकम मांगी थी। जांच के दौरान स्कूल में किसी भी प्रकार का कोई काम न मिलने पर नोटिस जारी की गई है।

BAREILLY:

इन मामलों पर कार्यवाही तो हो गई, लेकिन ऐसे ही न जाने कितने स्कूल और सरकारी योजनाएं हैं, जिन्होंने सांसद निधि में सेंध लगाई होगी। हाल ही में 2 मामलों में सांसद निधि के दुरुपयोग मिलने की पुष्टि की वजह से अन्य स्कूलों के भी डॉक्यूमेंट जांचे जाने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि 15 साल पुराने अन्य स्कूल्स की फाइल खंगाली गई तो करीब दर्जन भर मामले में सांसद निधि के दुरुपयोग का मामला नजर आया। इनको विभाग ने नोटिस जारी की। 6 स्कूलों ने जवाब दिया। जबकि 6 स्कूलों ने नोटिस पर कोई उत्तर नहीं दिया है। डीआरडीए ने संबंधित स्कूल में सांसद निधि से होने वाले निर्माण कार्यो की जांच करने के निर्देश दिए हैं। सीडीओ शिव सहाय अवस्थी ने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने वाले स्कूल के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

यह था मामला

15 वर्ष पुराने मामलों में सरकारी धन का दुरुपयोग के सुबूत मिलने पर सभी सांसद अथवा विधायक निधि प्राप्त करने वाले स्कूलों की जांच की जाएगी। लिस्ट खंगालने पर वर्ष 2001 से अब तक करीब 12 स्कूल मिले थे, जिन्होंने स्कूल में निर्माण कार्य के लिए दो किश्त हासिल की, लेकिन तीसरी किश्त नहीं मांगी। बिना तीसरी किश्त हासिल किए अनुमानित राशि का निर्माण कार्य पूरा कराने वाले स्कूलों पर संदेह हुआ, जिस पर नोटिस भेजी गई। तो करीब 6 ने जवाब भेजा, जिन्होंने प्राप्त निधि में निर्माण कार्य पूरा होने की बात स्वीकारी। जबकि अन्य 6 स्कूल्स ने जबाव नहीं दिया। जवाब न देने वाले स्कूल के खिलाफ जांच सीडीओ ने जांच के निर्देश दिए हैं। वहीं,

गबन के आरोप

वर्ष 2008 में गौतमबुद्ध नगर से राज्यसभा सांसद अम्बेद चौहान और रामपुर से राज्यसभा सांसद मुख्तार अब्बास नकवी की निधियों से खेल करने के आरोप लाभार्थी स्कूल प्रशासन पर लगे हैं। स्कूलों ने तत्कालीन सांसद से क्लास रूम बनवाने, जर्जर भवन की मरम्मत, शौचालय निर्माण के लिए निधि मांगी थी। ऐसे में संबंधित सांसदों की ओर से चयनित स्कूलों की सूची तैयार कर चार किश्तों में राशि भुगतान किया जाना तय हुआ। उन्हें प्रथम और द्वितीय किश्त दी गई। जबकि तीसरी किश्त जारी करने के लिए स्कूल की ओर से कोई रिमाइंडर नहीं मिला। विभाग में भी फाइल धूल फांकने लगी। पिछले वर्ष सांसद चुने जाने पर संतोष गंगवार ने निधि के उपयोग की जानकारी मांगी तो मामला प्रकाश में आया।

इन पर गाज गिरने की संभावना

स्कूल एड्रेस मांग भुगतान

इरा पब्लिक स्कूल शाही 5 लाख 2.5 लाख

इस्लामिया एकेडमी बहेड़ी 4.5 लाख 2 लाख

जीसीएम इंटर कॉलेज सुभाषनगर 5 लाख 75 हजार

महाराजा दक्ष प्रजापति बल्लभपुर 5 लाख 3 लाख

राजा खन्नू सिंह हायर सेकेंड्री कटेरिया 5 लाख 2.5 लाख

राजा खन्नू सिंह हायर सेकेंड्री कटेरिया 5 लाख 2.5 लाख

दो मामले में सरकारी धन का दुरुपयोग मिलने पर 3 लाख से ज्यादा सहायता प्राप्त स्कूलों की जांच के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

शिव सहाय अवस्थी, सीडीओ

मांगी गई निधि के अंदर ही काम पूर्ण कराने वाले स्कूलों पर भी संदेह है। नोटिस का जवाब न देने वाले स्कूलों पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

साहित्य प्रकाश मिश्र, डीपी, डीआरडीए